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बिहार की छोरियां छोरों से कम हैं के?” ये बातें बिहार में यथार्थ हो रही है..

संवाद 

बिहार में महिलाएं हर क्षेत्र में बढ़ चढ़कर आगे आ रही हैं। हाल के कुछ वर्षों में खास करके पुलिस सेवा में बड़ी संख्या में महिलाएं शामिल हुई है। पुलिस सेवा के प्रति उनकी मेहनत और लगन का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि इस बार शारीरिक दक्षता परीक्षा में लड़कियों का पासिंग परसेंटेज लड़कों से काफी ज्यादा है। इनमें अधिकतर ग्रामीण परिवेश की मध्य या निम्न मध्यवर्गीय परिवार से ताल्लुक रखती हैं। बता दें कि बिहार पुलिस में 1998 दारोगा व 213 पदों पर सार्जेंट की बहाली होनी है।

बिहार पुलिस अवर सेवा आयोग के मुताबिक, शारीरिक दक्षता परीक्षा में पांच टेस्ट होते हैं। सबसे पहले दौड़ होती है। लड़कों को साढ़े छह मिनट में 1600 मीटर तो लड़कियों को छह मिनट में 1000 मीटर दौड़ लगानी पड़ती है। दौड़ में 8149 लड़के शामिल हुए, जिनमें 3282 ही पास कर पाए। वहीं 4499 लड़कियों में से 3804 ने बाजी मार ली। दौड़ में पास करने वाले लड़कों का प्रतिशत 40.27 तो लड़कियों का 84.55 प्रतिशत रहा। इसके बाद शॉटपुट, हाई व लांग जंप एक-एककर पास करना होता है। आखिर में लड़कों की लम्बाई और सीने की माप ली जाती है, जबकि लड़कियों का हाइट और वजन मापा जाता है। दौड़ की तरह ही लड़कों और लड़कियों के लिए सभी स्पर्धाओं में अलग-अलग पैमाना तय है।

शारीरिक दक्षता परीक्षा में कुल 5595 अभ्यर्थी पास हुए हैं। इनमें 2955 लड़के तो 2640 लड़कियां हैं। शारीरिक परीक्षा में शामिल हुए कुल लड़कों में से पास होने वालों का प्रतिशत 36 से थोड़ा अधिक है। वहीं 58 से ज्यादा लड़कियां सफल हुई हैं। कई लड़कियां तो पहले से पुलिस या फिर अर्द्धसैनिक बल में सिपाही हैं। शादीशुदा महिलाएं भी यहां तक पहुंचने में कामयाब रही हैं।

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