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नीतीश राज में पुलिस के हौसले इतने बुलंद हो गए हैं कि अपराधियों के तरह आम आदमी और पत्रकारों के साथ भी सलूक किया जा रहा है. जहां एक ओर नवादा पुलिस के आलाधिकारी और नीतीश सरकार पुलिस की छवि सुधारने की कोशिश कर रहे हैं, वहीं कुछ पुलिसकर्मी सरकार के इरादों पर पानी फेरते नजर आ रहे हैं. नवादा के यह सिरफिरे पुलिसकर्मी पुलिस की छवि को खत्म कर रहेहैं । ऐसी ही एक घटना क्रम नगर थाना में देखने को मिला है .
जानकारी के मुताबिक खबर संगलन करने नगर थाना गए पत्रकार अनिल शर्मा को जैसे ही दरोगा ने वीडियो बनाते देखा तो भड़क उठा और बदतमीजी के साथ पुलिसिया रौब दिखाना शुरू कर दिया। जब पत्रकार ने कहा कि हम अपनी खबर संकलन कर रहे है. इतने में मर्यादा की सारी सीमाएं तोड़ते हुए दरोगा बदसलूकी पर उतर आया और पत्रकार को धमकी देते हुए थाना से भागने को कहा, इतना हीं नहीं मोबाईल से विजुअल बना रहे पत्रकार को मोबाइल अंदर घुसेड़ देंने की बात कहा और दरोगा ने पत्रकार अनिल शर्मा का मोबाइल छीन लिया।
बता दें कि आम जनमानस तो छोड़ो ,चौथे स्तंभ के साथ भी ऐसे अमानवीय व्यवहार करते हैं ये नवादा जिले की पुलिस पदाधिकारी । अब ऐसा प्रतीत हो रहा कि अब पत्रकारिता करने के लिए पत्रकारों को पुलिस से आदेश लेना होगा ।
इस संबंध में जब नवादा पुलिस अधीक्षक से बात की गई तो उन्होंने कहा अगर ऐसा पत्रकार के साथ हुआ है, तो जांच कर सख्त कार्यवाही की जाएगी। अब तो वक्त तय करेगा कि ऐसे पुलिसकर्मियों पर कार्यवाही होती है या नही।
पत्रकार संगठन आईरा ने कहा निंदनीय घटना है : पत्रकारों की सबसे बड़ी संगठन "ऑल इंडियन रिपोर्टर्स एसोसिएशन" ने मामले का संज्ञान लेते हुए इस घटना का निंदा दिया है । एसोसिएशन के मगध प्रमंडलीय अध्यक्ष डॉ. पंकज कुमार सिंहा एवं नवादा जिलाध्यक्ष सुनील कुमार ने तीखी भर्त्सना की है । उन्होंने कहा पत्रकारों के साथ दुर्व्यवहार और उनके आत्मसम्मान का अवहेलना बेहद निंदनीय है । लोकतंत्र पर सीधा- सीधा प्रहार किया जा रहा है । कुछ करप्ट अधिकारी अपनी काली कारतूस छिपाने के लिए पत्रकारों को थाने नहीं आने देते ताकि वे आमजनमानस से मनमानी कर सके । उन्होंने कहा कि ऐसे अधिकारी पर जिला प्रशासन कार्रवाई करें, जो मीडिया के स्वतंत्रता को रोककर उनके साथ दुर्व्यवहार करता हो ।