नवादा : नवादा मंडल कारा की सुरक्षा में तैनात बीएमपी जवान संदीप तमांग की मौत का राज खुल गया है। पुलिस अनुसंधान में जो बात अबतक सामने आई है, उसकी कहानी यही है कि शराब ने जवान की जिंदगी छीन ली। दो युवकों की गिरफ्तारी के बाद यह राज खुला है।
नवादा के पुलिस कप्तान डॉ. गौरव मंगला द्वारा मीडिया को जारी विज्ञप्ति में जो जानकारी दी गई है वह यही बताता है कि जवान की हत्या नहीं की गई थी, हां गैर इरादतन हत्या का मामला तो आरोपितों पर बन सकता है। इस मामले में नवादा नगर के दो युवकों की गिरफ्तारी हुई है, दोनों को जेल भेज दिया गया है।
जिन युवकों की गिरफ्तारी हुई है, उसमें निरंजन कुमार पिता स्व. शंकर लाल, नारदीगंज रोड, गढ़पर, नवादा और दीपक कुमार उर्फ छोटू पिता धीरेन्द्र सिंह, गढ़पर, नवादा शामिल है। वहीं, राहुल कुमार की तलाश पुलिस को है।
कैसे हुई मौत : एसपी के अनुसार, गिरफ्तार युवकों ने 28 जून को जवान संदीप को काफी शराब पिला दिया था। चलने में असमर्थ हो गया था। उसे छोड़ने बाइक से जेल गेट तक सभी युवक पहुंचे थे। जहां जवान उतरने के क्रम में लुढ़क गया। शराब मामले में फंसने के भय से सभी युवक जवान को पास के पइन में लुढ़का कर वहां से भाग गए। मोबाइल स्विच ऑफ कर लिया। तकनीकी अनुसंधान में आरोपितों तक पुलिस पहुंची।
क्या है पूरा मामला : बीएमपी 1 का जवान सिपाही नं 609 संदीप तामंग की ड्यूटी नवादा मंडल कारा की सुरक्षा में लगा था। 28 जून 22 की शाम मंडल कारा से वे निकले थे। रात में वापस नहीं लौटे तो वरीय अधिकारियों को सूचना दी गई। बीएमपी के कंपनी समादेश द्वारा अगले दिन 29 जून को औपचारिक रूप से जवान संदीप के गायब होने की सूचना जिला पुलिस को दी गई। खोजबीन के दौरान 29 जुलाई को ही जवान का शव मंडल कारा के पास ही पानी से भरे गड्ढे से बरामद हुआ। मृतक के पुत्र आकाश तामंग की शिकायत पर नगर थाना में प्राथमिकी 690/22 दिनांक 30 जून दर्ज कर अनुसंधान शुरू किया गया।अनुसंधान के क्रम में तीन युवकों की संलिप्तता सामने आई। जिसके बाद तीनों की गिरफ्तारी के लिए विशेष टीम का गठन किया गया। दिवंगत जवान झारखंड के रांची के रहने वाले थे।
थर्ड डिग्री इस्तेमाल को ले पुलिस की हुई किरकिरी : गिरफ्तार युवकों के साथ पुलिस अभिरक्षा के दौरान क्रूरता की गई। थर्ड डिग्री का इस्तेमाल इस कदर किया गया कि पिछले साल 6.9.21 को जेल में कैदी गुड्डू सिंह की हत्या की घटना याद आ गई।
जवान की मौत में गिरफ्तार निरंजन के शरीर पर कई स्थानों पर बेतरतीब जख्म के निशान थे। 19 की सुबह उसे गिरफ्तार किया गया था, उसी दिन हालत बिगड़ने पर उसे सदर अस्पताल में एडमिट कराना पड़ा। कुछ दिनों पूर्व ही शाहपुर ओपी प्रभारी विभा कुमारी एक बंदी की मौत के मामले में ही सस्पेंड हुई हैं। जेल में कैदी की मौत मामले में जेल अधीक्षक सहित कई अधिकारी निलंबित हो चुके हैं।
फिर भी हाथ की सफाई करने में माहिर नवादा पुलिस के कुछ काबिल अधिकारी अपनी आदत से बाज नहीं आ रहे हैं। कुछ वर्ष पूर्व में लक्ष्मीपुर के एक युवक की नगर थाना में पुलिस अभिरक्षा में मौत की घटना में तब के थानाध्यक्ष देवेंद्र चौधरी, एसआई ज्योति बसु सहित अन्य अफसर नप चुके हैं। बेहतर हो कि किसी आरोपित के साथ क्रूरता न की जाए, अन्यथा कल भारी पड़ सकता है।