असम के कछार जिले लखीपुर वन मंडल में पदस्थ रेंजर देवव्रत गोगोई पर वन संसाधनों की तस्करी के बदले एक व्यापारी से कथित तौर पर रिश्वत लेने का आरोप लंबे समय से लगते आ रहा था. रेंजर को रंगे हाथ पकड़ने के लिए गुप्त सूचना के आधार पर सतर्कता और भ्रष्टाचार निरोधक निदेशालय के अधिकारियों ने उसके कार्यालय पर छापा मारा.
छापे की खबर मिलते ही रेंजर गोगोई अपने कार्यालय से रिश्वत की रकम के साथ भाग खड़ा हुआ. करीब 1 किमी तक पीछा करने के बाद भ्रष्टाचार निरोधक टीम ने रेंजर को पकड़ा. गोगोई ने टीम की चंगुल से भागने की बहुत कोशिश की लेकिन वह नाकामयाब रहा.