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पटना: बिहार में सियासी समीकरण बदल चुका है. नीतीश कुमार पाला बदलकर महागठबंधन की सरकार बना चुके हैं. कल तक सरकार में बैठी बीजेपी अब विपक्ष की भूमिका में है. ऐसे में एनडीए गठबंधन टूटने के बाद बीजेपी ने लोकसभा चुनाव 2024 और विधानसभा चुनाव 2025 की तैयारियां तेज कर दी हैं. बताया जा रहा है कि संगठन को मजबूती देने के लिए बीजेपी के बड़े नेता बिहार का दौरा करेंगे. बिहार में जल्द बीजेपी के कद्दावर नेताओं के आने का सिलसिला शुरू होने वाला है. इसी कड़ी में बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह बिहार दौरे पर आ रहे हैं. ऐसे में बीजेपी के बड़े नेताओं के बिहार दौरे से सियासी तापमान बढ़ना तय है.
मिली जानकारी के अनुसार अमित शाह और जेपी नड्डा 15 सितंबर से पहले बिहार आ सकते हैं. अमित शाह का असदुद्दीन ओवैसी और डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव के गढ़ सीमांचल आने का कार्यक्रम बन रहा है. इसके अलावा बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा भी सितंबर में बिहार आ सकते हैं. बताया जा रहा है कि 10 से 15 सितंबर के बीच अमित शाह की पूर्णिया में बड़ी जनसभा हो सकती है. राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा समेत कई केंद्रीय नेताओं के आने का सिलसिला भी सितंबर में शुरू होगा. बिहार बीजेपी ने इसको लेकर अपनी तैयारियां शुरू कर दी है. बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल ने केंद्रीय मंत्रियों के प्रवास से संबंधित कमेटी में जीवेश मिश्रा, संजय सिंह, शिवेश राम, अमृता भूषण और मनीष पांडेय को शामिल किया है.
बता दें कि बिहार में बीजेपी ने मिशन 35 का लक्ष रखा है. सीएम नीतीश कुमार के एनडीए से अलग होकर महागठबंधन के साथ जाने के बाद बीजेपी ने लोकसभा चुनाव 2024 में बिहार की 40 में से 35 सीटों पर जीत का लक्ष्य रखा है. बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की मौजूदगी में इसी महीने हुई कोर कमेटी की बैठक में यह फैसला हुआ है. इस बैठक में प्रदेश इकाई में सांगठनिक तौर पर बदलाव पर भी सहमति बनी, बताया जा रहा है कि आम चुनाव से पहले राज्य में बीजेपी का अध्यक्ष भी बदला जा सकता है.
बतातें चलें कि बीजेपी की नजर बिहार के मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्र सीमांचल पर टिकी है. यह असदुद्दीन ओवैसी और आरजेडी का गढ़ माना जाता है. सीमांचल में चार जिले पूर्णिया, किशनगंज, अररिया और कटिहार आते हैं. सीमांचल में कुल 24 विधानसभा सीटें हैं. यह तेजस्वी यादव की पार्टी आरजेडी का गढ़ माना जाता रहा है. हालांकि 2020 विधानसभा चुनाव में ओवैसी ने यहां आरजेडी के वोटबैंक में सेंधमारी की थी और उनकी AIMIM ने पांच सीटों पर जीत दर्ज करके सबको चौंका दिया था. हालांकि बीते दिनों तेजस्वी यादव ने AIMIM के 5 में से 4 विधायकों को आरजेडी में शामिल करा लिया है. जिसके बाद फिर से वे इस क्षेत्र में मजबूत हो गए हैं.