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जानिए कब है चौरचन, शुभ मुहूर्त, पूजा-विधि और महत्व

संवाद
मिथिला हिन्दी न्यूज :- तीज और पर्व का राज्य बिहार छठ के लिए विश्व विख्यात है. बिहार के मिथिला प्रांत में चौठ चंद्र पूजा (Chauth Chandra Puja 2022) जिसे चोरचन पूजा (Chorchan Puja) भी कहतें हैं, एक बेहद ही महत्वपूर्ण व्रत है. मिथिलांचल में तो चौठ चंद्र पूजा का विशेष महत्व है. भगवान श्री गणेश और चन्द्र देव को समर्पित चौठ चन्द्र या चोरचन पूजा का बहुत अधिक धार्मिक महत्व है. इस दिन सुहागिन महिलाएं व्रत रखती है. प्रसाद के रूप में भिन्न-भिन्न प्रकार के पकवान बनाए जातें हैं. इस दिन गणेश चतुर्थी (Ganesh Chaturthi) का व्रत भी किया जाता है. श्री गणेश, विष्णु, माँ पार्वती के साथ साथ चन्द्र देव की पूजा की जाती है. चोरचन पूजा की कथा सुनी जाती है. उसके पश्चात ही चन्द्र देव को अर्घ्य दिया जाता है.चौठ चन्द्र पूजा भाद्रपद माह की शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाई जाती है. अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार यह तिथि अगस्त या सितम्बर माह में आती है.साल 2022 में चौठ चन्द्र पूजा और व्रत 31 अगस्त 2022, दिन बुधवार को मनाई जायेगी.
चौरचन पूजा कैसे करते हैं?

चौरचन पूजा घर के महिलाएं व्रत रखती है। इस दिन भगवान सूर्य देवता के लिए भिन्न-भिन्न प्रकार के पकवान बनाते है।चौरचन पूजा के शाम में घर के आंगन में पूरा परिवार मिलकर भगवन सूर्य की पूजा करते है। पूजा समाप्त होने के बाद पूरा परिवार मिलकर प्रसाद खाते है। आपस में लोग खुशियाँ और प्रशाद बाटते है।

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