मिथिला हिन्दी न्यूज :-हिंदू धर्म में हर तीज-त्योहार का अपना अलग महत्व होता है. हर व्रत और त्योहार किसी ना किसी देवता को समर्पित होता है. कुछ व्रत सिर्फ सुहागिन महिलाओं के लिए खास होते हैं. ये व्रत सिर्फ सुहागिन महालाएं ही रख सकती हैं. सुहागिन महिलाओं के लिए ऐसा ही एक व्रत हरतालिका तीज (Hartalika Teej Date) है. धार्मिक मान्यता है कि इस व्रत को रखने से पति को दीर्घायु और सुखी जीवन का आशीर्वाद प्राप्त होता है. आइए जानते हैं भादो मास में पड़ने वाली हरतालिका तीज (Hartalika Teej 2022) की सही तिथि, पूजा के लिए शुभ मुहूर्त और महत्व के बारे में.
हरतालिका तीज का शुभ मुहूर्त
भाद्रपद महीने के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि सोमवार, 29 अगस्त की दोपहर 03:20 बजे से शुरू होगी और 30 अगस्त की दोपहर 03:33 बजे तक रहेगी. उदया तिथि के आधार पर हरतालिका तीज 30 अगस्त को रहेगी. इस दिन सुबह 06:05 बजे से रात 08:38 बजे तक और शाम को 06:33 बजे से रात 08:51 बजे तक पूजा के लिए शुभ मुहूर्त रहेगा.
जानें पूजा विधि
हरतालिका तीज व्रत की पूजा सूर्यास्त के बाद करना शुभ माना जाता है। पूजा के लिए भगवान शिव माता पार्वती और गणेश जी की प्रतिमा काली मिट्टी, बालू या रेत से बनाकर की जाती है। पूजा से पहले स्थान को अच्छे से साफ सफाई करके उसे फूलों से सजा लें इसके बाद वहां एक चौकी रखें। इसके बाद इसके ऊपर केले के पत्ते रखें र भगवान शिव माता पार्वती और भगवान गणेश की प्रतिमा को इसपर स्थापित कर दें। इसके बाद तीनों की पूजा अर्चना करें और माता पार्वती के समझ सुहाग की सारी वस्तुएं चढ़ाएं और भगवान शिव को धोती और अंगोछा अर्पित करें। सबसे आखिर में इन चीजों को किसी गरीब ब्राह्मण को दान कर दें। अगले दिन माता पार्वती को सिंदूर चढ़ाएं, और उन्हें मीठे का भोग लगाकर अपना व्रत खोल लें।