संवाद
बिहार के बगहा में एक अजीबो-गीरब मामला देखने को मिल रहा है. यहां के वाशिंदे मगरमच्छ से परेशान हैं और डर से खेतों की ओर जाने से परहेज करने लगे हैं. दरअसल यहां दोन और त्रिवेणी कैनाल में मगरमच्छों का झुंड प्रवेश कर गया है। इसके साथ ही हरहा नदी में भी मगरमच्छों के झुंडों को देखा जा रहा है। अब तो यह मगरमच्छ सड़क पर भी आ जा रहे हैं।
नेपाल और यूपी सीमा पर स्थित वाल्मीकि टाइगर रिजर्व के बीच से गुजरने वाली नदियों और नालों से मगरमच्छ बाहर निकल रहे हैं और इंसानों के इलाके में घुसपैठ कर रहे हैं. ग्रामीणों का कहना है कि मगरमच्छ पानी के सहारे रिहायशी इलाकों में पहुंचकर भारी तबाही मचा रहे हैं .
खेतों में जाने से डर रहे किसानग्रामीणों के अनुसार इलाके के नहरों और नालों में मगरमच्छ अपना आशियाना बना रहे हैं. गांव के किनारे स्थित तालाबों और तालों में मगरमच्छों का जमावड़ा हो गया है. खेती के लिए जाने वाले किसानों को अपना शिकार बनाने की कोशिश करते हैं. आलम ये है कि मगरमच्छों के भय से अब लोग खेतों की ओर जाने से परहेज करने लगे हैं.
वन विभाग की ओर से कोई पहल नहीं
वाल्मिकी टाइगर रिजर्व के आसपास लगातार हो रहे मगरमच्छों कि हमले के बाद अब ग्रामीणों में आक्रोश है. तमाम शिकायतों के बाद भी रिहायशी इलाकों में पहुंचे मगरमच्छों को पकड़ने और उसे सुरक्षित करने के लिए अबतक वन विभाग ने कोई पहल नहीं की है. नतीजा यह कि लोग लगातार मगरमच्छों के हमले का शिकार बन रहे हैं.
वीओ-फाइनल- बड़ा सवाल ये कि आखिर कब तक लोग यूं ही मगरमच्छ का शिकार होते रहेंगे और सवाल यह भी की वन विभाग मगरमच्छों की की संरक्षण के लिए आखिर कौन सा मुहिम चला रही है ।