मिथिला हिन्दी न्यूज :- बिहार में एनडीए सरकार संकट में है. पल-पल बदलती परिस्थतियों और नेताओं के बयान से सरकार की सेहत का अंदाजा लगाया जा सकता है. बीजेपी को छोड़कर राज्य की सभी राजनीतिक पार्टियों ने विशेष बैठक बुलाई है, जिसमें राज्य की वर्तमान राजनीतिक हालात पर चर्चा होगी और रणनीति बनाई जाएगी. वहीं भाजपा के कई दिग्गज नेता बिहार से दिल्ली के लिए रवाना हो चुके हैं. राजनीतिक कयास लगाए जा रहे हैं कि नीतीश कुमार की पार्टी (जेडीयू) बीजेपी से गठबंधन तोड़कर एक बार फिर से राजद के साथ हाथ मिला सकती है. इस बीच सियासी गलियारे में यह भी चर्चा शुरू हो गयी है कि नीतीश कुमार अगर बीजेपी का साथ छोड़ने का फैसला करते हैं तो गठबंधन से निकलने का इस बार उनका तरीका क्या होगा. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इस्तीफा देंगे या बीजेपी कोटे के मंत्रियों को बर्खास्त करेंगे.माना जा रहा है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार 2013 का इतिहास दोहरा सकते हैं. दरअसल जब 2013 में नीतीश कुमार ने भाजपा से नाता तोड़ कर आरजेडी के साथ सरकार बनाया था. तब नीतीश कुमार ने तत्कालीन डिप्टी सीएम सुशील मोदी समेत भाजपा के सारे मंत्रियों को बर्खास्त कर दिया था. बताया जा रहा है कि इस बार भी उसी इतिहास को दोहराया जा सकता है. नियम के मुताबिक नीतीश कुमार मुख्यमंत्री की हैसियत से भाजपा के सारे मंत्रियों को बर्खास्त करने की सिफारिश राज्यपाल से कर सकते हैं. राज्यपाल के पास मुख्यमंत्री की सिफारिश मानने के अलावा दूसरा कोई विकल्प नहीं है.