अनूप नारायण सिंह
पटना। सनातन धर्म सभी धर्मों की जननी है सनातन धर्म पूरे विश्व में एकमात्र ऐसा धर्म है जो वसुधेव कुटुंबकम मानवता की रक्षा मानव जाति की कल्याण की बात करता है त्याग इस धर्म का मूल मंत्र है यह कहना है जूनागढ़ अखाड़े के महामंडलेश्वर डॉक्टर उमाकांतानंद सरस्वती जी महाराज ने। अपने पटना आगमन पर एक विशेष बातचीत में उन्होंने कहा ना हिंदुत्व खतरे में है और ना हिंदू आज पूरी दुनिया इस बात को स्वीकार कर चुकी है कि सनातन धर्म ही एकमात्र धर्म है जहां पर मानव का कल्याण निहित है जो लोग धर्म की आड़ में राजनीति करना चाहते हैं धर्म को दूसरे रास्ते पर ले जाना चाहते हैं वह गलत है उन्होंने कहा कि समय आ गया है कि जब धर्म के बारे में सब कुछ जानना जरूरी है हिंदू धर्म सब को नैतिकता का पाठ पढ़ाता है हमारे धर्म ग्रंथों में लिखा है कि पूरे मानव जाति का कल्याण हो पूरे विश्व में शांति हो दूसरे का सम्मान हो हमारे यहां तो प्रकृति पूजा का भी विधान है ऐसा अनूठा धर्म पूरी दुनिया में नहीं एक प्रश्न के जवाब में उन्होंने कहा कि हनुमानजी सृष्टि के सृजन काल से ही पूजित होते हैं हिंदू धर्म में इन्हें कलयुग का सबसे प्रभावी देवता माना गया है हनुमान चालीसा का विरोध करने वाले लोग जब संकट में होते हैं तो पवन पुत्र हनुमान का ही स्मरण करते हैं उन्होंने कहा कि हमारा धर्म कभी नहीं सिखाता कि हम किसी दूसरे के धर्म का आस्था का अनादर करें पर उन लोगों को भी समझना चाहिए कि जो धर्म पूरे विश्व को शांति त्याग आस्था ममता करुणा दया का भाव सिखाता है उसका विरोध कितना उचित है उन्होंने कहा कि हिंदू होना गौरव की बात है। उन्होंने कहा कि जहां बहुसंख्यक सशक्त होंगे वही अल्पसंख्यकों के हितों की रक्षा होगी। धर्म में राजनीति के प्रवेश पर उन्होंने कहा कि यह एक गलत परंपरा है हमारा धर्म तो त्याग की भावना पर आधारित है।