मिथिला हिन्दी न्यूज :- बिहार के चार बड़े शहरों में अब जमीन-फ्लैट की रजिस्ट्री के नियम में बदलाव किया गया है। ये बदले हुए नियम सितंबर महीने से लागू होंगे। ये बदलाव बिहार के फिलहाल चार बड़े शहरों में लागू होंगे।
दरअसल, बिहार के पटना, मुजफ्फरपुर, भागलपुर और गया जिले के रजिस्ट्रेशन ऑफिस में एक सितंबर से जमीन-फ्लैट की रजिस्ट्री मॉडल डीड के माध्यम से होगी। इसके अलावा कार्यालयों में बने ‘मे आइ हेल्प यू’ काउंटर पर बैठे कर्मियों की सहायता से दस्तावेज तैयार करा कर निबंधन कराया जा सकेगा। आवेदकों को दस्तावेज तैयार करने या उसका रजिस्ट्रेशन कराने के लिए कर्मचारियों की मदद लेने की जरूरत नहीं पड़ेगी। इससे पैसे और समय दोनों की बचत होगी।
इसको लेकर विभाग के आयुक्त बी कार्तिकेय धनजी ने बताया कि इन चार जिलों के सभी 125 निबंधन कार्यालयों में कुल रजिस्ट्री का 20 फीसदी मॉडल डीड से कराने के लक्ष्य को पूरा किया जा रहा है। आम लोगों की सुविधा के लिए निबंधन विभाग की वेबसाइट पर हिंदी व अंग्रेजी में 31-31 और उर्दू में 29 प्रकार के मॉडल डीड प्रदर्शित हैं।मॉडल डीड के माध्यम से लोगों को रजिस्ट्रेशन में सहयोग के लिए निबंधन कार्यालयों में ‘मे आइ हेल्प यू’ बूथ भी खोले गये हैं, जिनमें पर्याप्त संख्या में ऑपरेटर सहित कंप्यूटर की सुविधा मुहैया करायी गयी है। मॉडल डीड में पूरी जानकारी लिखी रहती है, जिसे कोई भी व्यक्ति बिना कातिब की सहायता के ऑनलाइन भर सकता है। इनकी सहायता से लोग खुद दस्तावेज तैयार कर सकते हैं। आनलाइन भुगतान को प्रोत्साहित करने के लिए स्टाम्प ड्यूटी की राशि में एक प्रतिशत या अधिकतम दो हजार रुपये की छूट भी दी जाएगी।
बिहार के इन जिलों में धड़ल्ले से हो रही है जमीन व फ्लैट की रजिस्ट्री
मद्य निषेध, उत्पाद एवं निबंधन विभाग के अनुसार प्रदेश के 38 जिलों में 20 जिले ऐसे हैं जहां निर्धारित लक्ष्य से अधिक राजस्व वसूले गए हैं। इनमें लखीसराय, शिवहर, बांका, कैमूर, मधुबनी, दरभंगा, मुंगेर, सुपौल, मोतिहारी, भागलपुर, हाजीपुर, सिवान, सहरसा, मुजफ्फरपुर, समस्तीपुर और औरंगाबाद जिला शामिल है। शेष जिले निर्धारित लक्ष्य के आसपास हैं। मात्र किशनगंज और शेखपुरा जिला ऐसा है, जहां तय लक्ष्य के 90 प्रतिशत से कम राजस्व वसूले गए हैं।