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राजद वाले डॉक्टर सुनील कुमार सिंह बने बिहार विधान परिषद में सत्ताधारी दल के मुख्य उप सचेतक

संवाद 

पटना।बिहार विधान परिषद में सत्ताधारी दल के मुख्य उप सचेतक बने राजद विधान पार्षद सह बिस्कोमान चेयरमैन डॉ सुनील कुमार सिंह। मूल रूप से छपरा जिले के सोनपुर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत डूंमरी गांव के निवासी डॉ सुनील कुमार सिंह वर्तमान में देश की तमाम बड़ी सहकारी समितियों में भी प्रतिष्ठित पद पर हैं। इन्हें सहकारिता जगत में राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय ख्याति अर्जित है। राजद विधान पार्षद सुनील कुमार सिंह जिनका लालू परिवार से लंबा जुड़ाव रहा है हर सुख-दुख के भागी रहे हैं सुनील कुमार सिंह।अपने भाइयों से अनबन होने के बाद राबड़ी देवी ने सुनील कुमार सिंह को ही अपना मुंह बोला भाई बना लिया और हर साल रक्षाबंधन पर सुनील कुमार सिंह को ही राखी बांधती है इस रिश्ते को राजनीति से जोड़कर नहीं देखा जा सकता सुनील कुमार सिंह भी पूरी शिद्दत के साथ अपनी बहन व बहन के परिवार के सुख-दुख के भागीदार रहते हैं। पार्टी और परिवार में जो भी जिम्मेवारी राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव और राबड़ी देवी के द्वारा सुनील कुमार सिंह को सौंपी जाती है पूरी ईमानदारी के साथ में पूरा भी करते हैं लालू परिवार के अत्यंत करीबी होने के कारण कई बार कई लोगों की जुबानी जहर को भी इन्हें बर्दाश्त करना पड़ता है बावजूद इसके इनके मुंह से एक शब्द तक किसी के प्रति नहीं निकलता कौन क्या कहता है पर सुनील कुमार सिंह कभी भी किसी के खिलाफ एक शब्द तक नहीं बोलते रिश्तो को निभाना जानते हैं। मतलब परस्ती के इस युग में सुनील कुमार सिंह ईमानदारी कर्तव्यनिष्ठा और रिश्तो की अहमियत को पूरी संजीदगी से निभाने वाली शख्सियत है। हर चीज राजनीति नहीं हो सकता और ना ही हर चीज नफा नुकसान का हो सकता है कुछ चीज दिल से जुड़ी हुई है दिल से जुड़ी चीजों को दिल से ही जुड़ा रहने दीजिए। राजद में जगदानंद सिंह के बाद नंबर टू की पोजीशन पर राजपूत राजनीति के बड़े स्तंभ हैं डॉक्टर सुनील कुमार सिंह 2020 के विधानसभा चुनाव में कई दिग्गज राजपूत नेताओं को इन्होंने पार्टी से जोड़ा जिसमें कई लोगों को सफलता भी मिली। पार्टी के संगठन में भी यह काफी सक्रिय रहते हैं पार्टी ने कोषाध्यक्ष का पद भी दिया है। नवगठित महा गठबंधन सरकार में नए कृषि या सहकारिता मंत्री के रूप में देखा जा रहा था। पर दल हित में कभी भी डॉक्टर सुनील कुमार सिंह ने मंत्री पद के लिए दल पर कोई दबाव नहीं बनाया।

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