मिथिला हिन्दी न्यूज :- इन दिनों गूगल की मुश्किलें एक बार फिर से बढ़ने लगी हैं। क्योंकि दुनिया भर में एजेंसियो नें इस पर लगाम लगानी शुरू कर दी हैं और इसका एकाधिकार (मोनोपॉली) खत्म करना चाहती हैं। भारत सरकार भी इस दिशा में कदम बढ़ा रही है और गूगल से साइबर स्पेस पर नियंत्रण वापस लेना चाहती है।हाल ही में यूरोपियन यूनियन (ईयू) कोर्ट की ओर से सर्च इंजन कंपनी को बड़ा झटका लगा है और इसपर 4.12 अरब डॉलर का जुर्माना लगाया गया है। गूगल को दोषी पाया गया कि यह एंड्रॉयड फोन बनाने वाली कंपनियों पर कई तरह की पाबंदियां लगा रही है, जिससे इसके सर्च इंजन को सीधा फायदा मिले।देश के बड़े मीडिया संगठनों ने DNPA से जुड़कर मांग की है कि गूगल और दूसरी टेक कंपनियां स्थानीय समाचार उपलब्ध करवाने वाले पब्लिशर्स के साथ अपनी कमाई और लाभ की जानकारी शेयर करें और उन्हें सही हिस्सा दें। बता दें, गूगल और दूसरी कंपनियां कई पब्लिशर्स का कंटेंट और खबरें अपने प्लेटफॉर्म्स पर दिखाती हैं।