मिथिला हिन्दी न्यूज :- प्रदेश में ज्यादा से ज्यादा निवेश आकर्षित करने के लिए अब कई जिलों में प्राइवेट इंडस्ट्रियल पार्क बनाए जाएंगे. पीपीपी मॉडल पर बनाए जाने वाले प्राइवेट इंडस्ट्रियल पार्क से राज्य का औद्योगिक माहौल बदलेगा. निर्यात कारोबार में इजाफा होगा. जनकारी के मुताबिक जिन जिलों में प्राइवेट इंडस्ट्रियल पार्क विकसित करने का इरादा है, उनमें पटना, बांका, मधुबनी, लखीसराय, शिवहर, सीतामढ़ी, कैमूर, दरभंगा, सुपौल, मोतिहारी, सारण, मुंगेर, हाजीपुर, भागलपुर, सिवान, सहरसा, मुजफ्फरपुर, भोजपुर, औरंगाबाद, समस्तीपुर व अरवल शामिल हैं. प्रदेश में पहला इंडस्ट्रियल पार्क पटना में बनेगा. इस प्राइवेट इंडस्ट्रियल पार्क के लिए जिले के बरौली कलां गांव में जमीन चिन्हित की गई है. इन प्राइवेट इंडस्ट्रियल पार्क में टेक्सटाइल और रेडीमेड गारमेंट, फूड प्रोसेसिंग, परफ्यूम, पीतल के उत्पाद, खिलौने और इलेक्ट्रॉनिक उपकरण बनाने वाले उद्योग लगाए जा सकेंगे.बड़े निवेशकों को राज्य में लाने के लिए सरकार ने औरंगाबाद, रोहतास के बिक्रमगंज का क्षेत्र, बक्सर के डुमरांव, गया जिले के गुरारू, मुंगेर जिले के जमालपुर और मुंगेर क्षेत्र, पश्चिम चंपारण के रामनगर, मधुबनी के झंझारपुर, मधेपुरा का उदाकिशुनंगज और मुरलीगंज में भी कुल 22 हजार एकड़ जमीन चिन्हित की हैं. निवेश के लिहाज से इन छह जिलों को उच्च संभावना वाला माना गया है. ये इनमें पीपीपी मॉडल पर प्रोजेक्ट विकसित किया जाएगा. इस कवायद का मकसद एक्सप्रेस-वे के जरिए राज्य के उद्योगों को बढ़ावा देना और आर्थिक गतिविधियां बढ़ाना है.राज्य में बनाए जाने वाले प्राइवेट इंडस्ट्रियल पार्क में औद्योगिक इकाइयों के लिए सभी सुविधाएं एक ही परिसर में उपलब्ध होंगी. पार्क के मैन्युफैक्चरिंग जोन में फ्लैटनुमा कारखाने और फैक्ट्री शेड होंगे. सामान्य सुविधाओं के तहत बिजनेस व शॉपिंग सेंटर, इन्क्यूबेशन सेंटर, होटल व रेस्टोरेंट, हॉस्टल, ऑफिस ब्लॉक, स्वास्थ्य व संचार सुविधाएं, पुलिस व फायर स्टेशन, आदि होंगे. बिजली, पानी, सड़क की सुविधा के अलावा पार्क में कॉमन एफ्लुएंट ट्रीटमेंट प्लांट, टेस्टिंग व सर्टिफिकेशन लैब भी होंगे. लॉजिस्टिक्स के तहत वेयरहाउस, कंटेनर व ट्रक टर्मिनल, रेलवे साइडिंग इंफ्रास्ट्रक्चर, फ्यूल स्टेशन आदि सुविधाएं भी उपलब्ध होंगी.