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प्रशांत किशोर ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मुलाकात को बताया सामान्य शिष्टाचार, कहा- जन सुराज अभियान पर कायम हूं

अनूप नारायण सिंह 
जन सुराज अभियान के तहत बिहार में 2 अक्तूबर से पदयात्रा की तैयारी में जुटे प्रशांत किशोर ने 2 दिन पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से हुई मुलाकात को स्पष्ट किया है। प्रशांत किशोर ने मीडिया से बातचीत में बताया कि 2 दिन पहले 13 सितंबर को नीतीश कुमार से मुख्यमंत्री आवास पर उनकी मुलाकात हुई थी और ये सामाजिक और राजनीतिक तौर पर एक शिष्टाचार मुलाकात थी। प्रशांत किशोर ने कहा, "नीतीश कुमार बिहार के मुख्यमंत्री हैं, मैं मई से बिहार में काम कर रहा हूं। तब से कई बार मिलने की बात हुई लेकिन नहीं मिल पाए थे। इसलिए शिष्टाचार के नाते उनसे मुलाकात हुई है।"

जन सुराज अभियान के भविष्य और नीतीश कुमार के साथ जाने पर प्रशांत किशोर ने कहा-

प्रशांत किशोर ने मीडिया के सामने साफ तौर पर कहा कि जन सुराज अभियान और बिहार की बदहाली पर उनके स्टैंड में कोई परिवर्तन नहीं हुआ है। उन्होंने बताया कि 2 अक्टूबर से प्रस्तावित पदयात्रा के माध्यम से वे लगभग एक साल तक बिहार के अलग-अलग गांव और प्रखंडों में जाएंगे और लोगों से मिल कर समाज के बीच से सही लोगों को आगे लाएंगे जो बिहार की बेहतरी के लिए काम कर सकें। प्रशांत किशोर ने कहा कि जो रास्ता उन्होंने खुद के लिए तय किया है वो उस रास्ते पर कायम हैं। प्रशांत किशोर ने कहा कि उन्होंने मुख्यमंत्री के साथ बिहार में जमीन पर अपने 4-5 महीने के अनुभव को साझा किया और बताया कि कैसे शराबबंदी जमीन पर प्रभावी नहीं है।

बेगूसराय की घटना खराब कानून व्यवस्था का उदाहरण

बेगूसराय की घटना पर प्रशांत किशोर ने कहा कि ऐसी घटनाओं से जमीन पर लोगों की जो आशंकाएं हैं, उसको बल मिलता है। कानून व्यवस्था को लेकर लोगों के मन में जो डर है वो सही साबित हो रहा है। उन्होंने कहा कि बिहार में प्रशासन का एक बड़ा हिस्सा शराबबंदी में लगा हुआ है, इसलिए सामान्य प्रशासनिक व्यवस्था पर इसका असर पड़ रहा है और शराबबंदी लागू होने के बाद पिछले कुछ सालों में बिहार में कानून व्यवस्था की स्थिति बिगड़ी है। इस सरकार के मुखिया और गृहमंत्री नीतीश कुमार हैं इसलिए ये उनकी जिम्मेवारी है।

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