धनतेरस पर्व को देखते हुए लोगों मे नई सामाग्री खरीदारी हेतु उत्सुकता बनी हुई है। बाजार बिभिन्न प्रकार के सामाग्री से सजने लगे है। कई छोटे बरे दुकानदार अपने ग्राहकों को आकर्षित करने हेतु तरह तरह के उपहार देने का ऑफर दे रहे है।
कार्तिक मास कृष्ण पक्ष त्रयोदशी माता लक्ष्मी,भगवान् धन्वंतरि और भगवान कुबेर को समर्पित है। धनतेरस का त्योहार इस बार बेहद शुभ संयोग लेकर आ रहा है. धनतेरस दिवाली से दो दिन पहले मनाई जाती है, इसे धनत्रयोदशी भी कहते हैं. धनतेरस पर देवताओं के वैद्य माने जाने वाले भगवान धनवंतरी की पूजा करते हैं और प्रदोष काल में यम के नाम दीपदान किया जाता है।
धनतेरस के दिन सोना, चांदी, बर्तन, वस्त्र, वाहन, भूमि, चल-अचल संपत्ति खरीदना बहुत शुभ माना जाता है. इन वस्तुओं की खरीदारी से संपन्नता और समृद्धि आती है. त्रयोदशी तिथि में प्रदोष काल में माता लक्ष्मी की पूजा का मुहूर्त कब है,इस विषय पर पंडित पंकज झा शास्त्री ने बताया कि इस साल त्रयोदशी तिथि में प्रदोष काल में लक्ष्मी पूजा का शुभ मुहूर्त 22 अक्टूबर को प्राप्त हो रहा है और 23 अक्टूबर को प्रदोष काल के प्रारंभ होते ही त्रयोदशी तिथि खत्म हो जा रही है. इस वजह से इस साल धन त्रयोदशी या धनतेरस 22 अक्टूबर को मनाया जाएगा. इस दिन ही धन्वंतरी जयंती भी मनाई जाएगी। धनतेरस के दिन इस लोह और प्लास्टिक के वस्तु खरीदने से बचना चाहिए। मिथिला क्षेत्रीय पंचांग अनुसार 22 अक्टूबर 2022 को
त्रयोदशी तिथि आरम्भ दिन के 04:44 उपरांत,त्रयोदशी तिथि समापन 23 अक्टूबर को दि 05:16 तक।
पंडित पंकज झा शास्त्री ने बताया धनतेरस 2022 पूजा मुहूर्त22 अक्टूबर को धनतेरस की पूजा का शुभ मुहूर्त शाम को 07 बजकर 01 मिनट से रात 08 बजकर 17 मिनट तक है. इस दिन धनतेरस पूजा के लिए आपको करीब सवा घंटे का शुभ समय प्राप्त होगा. इस दिन शुभ मुहूर्त में लक्ष्मी पूजा करने से धन-संपत्ति में वृद्धि होती है और परिवार की उन्नति होती है।