- फल्गु नदी में हुआ अस्थि विसर्जन
- भतीजे सुशांत साईं सुन्दरम ने किया कर्मकांड
- ब्राह्मणों व नारायणों के बीच हुआ भोज का आयोजन
अनूप नारायण सिंह
गिद्धौर की सुप्रसिद्ध शिक्षिका मनोरमा देवी उर्फ मीना दीदी का श्राद्ध कर्म सनातन परंपरा के अनुसार ज्ञान व मोक्ष की नगरी विष्णुपद गया जी में मंगलवार को संपन्न हुआ। मीना दीदी के श्राद्ध का समस्त कर्मकांड उनके भतीजे सुशांत साईं सुन्दरम ने किया।
गया तीर्थ क्षेत्र के पुरोहित उदय लाल ने एकादश व द्वादश का सभी कर्मकांड करवाया। इसके पूर्व मनोरमा देवी का अस्थि विसर्जन फल्गु नदी में किया गया। पूजन कार्य निष्पादन में आचार्य मुन्ना कुमार पांडेय ने विशेष सहयोग किया। श्राद्ध कर्म के उपरांत मीना दीदी के भतीजे सुशांत साईं सुन्दरम ने विष्णुपद मंदिर एवं अक्षय वट की पूजा की। साथ ही बड़ी संख्या में ब्राह्मणों एवं नारायणों के बीच भोज करवाया।
बता दें कि 6 अक्टूबर को शाम 5 बजे मीना दीदी का निधन गिद्धौर स्थित पैतृक आवास पर हो गया। वे लगभग 85 वर्ष की थीं। वे विगत चार वर्षों से पूरी तरह से बेड रेस्ट पर थीं और चल-फिर पाने में असमर्थ थीं। उनका दाह संस्कार 7 अक्टूबर को गिद्धौर के उलाई नदी के किनारे मुक्तिघाट पर किया गया। मीना दीदी के भतीजे सुशांत साईं सुंदरम ने उन्हें मुखाग्नि दी।
मीना दीदी गिद्धौर स्थित कन्या मध्य विद्यालय में 40 वर्षों तक शिक्षिका रहीं और वर्ष 2000 में रिटायर कीं। उनके परिवार में कोई न होने की वजह से वे अपने छोटे भाई के परिवार के साथ रह रही थीं।