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भोजपुरी से ज्यादा समृद्ध दुनिया की कोई लोक भाषा नहीं कहा पार्श्व गायिका कल्पना पटवारी ने

संवाद 

भोजपुरी गीत संगीत में कल्पना पटवारी एक स्थापित नाम है इनकी खनकती मधुर आवाज इन्हें भीड़ से अलग खड़ी करती हैं भोजपुरी गीत संगीत को एक नई ऊंचाई देने वाली पार्श्व गायिका कल्पना पटवारी आज एक निजी कार्यक्रम में शिरकत करने पटना आई थी जहां उनसे कई विषयों पर लंबी बातचीत हुई भोजपुरी के शेक्सपियर कहे जाने वाले भिखारी ठाकुर के पूरे ग्रंथावली को नए अंदाज में गाने वाली कल्पना अब अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भी भिखारी ठाकुर के लोकगीतों को अपनी बुलंद आवाज से आम जनमानस के बीच लेकर जा रही हैं साथ ही साथ भोजपुरी के तमाम विस्मृत हो चुके लोकगीतों को भी सजाने में लगी हैं। कल्पना कहते हैं कि भोजपुरी के पास इतनी बड़ी छाती है कि उसे किसी दूसरे से कुछ चुराने या कॉपी करने की जरूरत नहीं अन्य लोग भाषाओं के लोग भोजपुरी कि इन्हीं साथियों को कॉपी करके अपना बताकर पैसा और नाम दोनों कमा रहे हैं जबकि भोजपुरी के गायक इन सब चीजों से दूर है। कल्पना का होती है कि आज वह जिस मुकाम पर हैं जो नाम जो शोहरत उन्होंने कमाया है वह भोजपुरी के बदौलत ही कमाया भले ही उनकी जन्म स्थली आसाम हो पर उनकी कर्मभूमि पूरा भोजपुरिया इलाका है देश दुनिया में रचे बसे भोजपुरिया श्रोता और दर्शक उन्हें जितना प्यार देते हैं वह आज उसी की बदौलत है छठ को लेकर कल्पना ने कहा कि ऐसी अलौकिक परंपरा पूरी दुनिया में कहीं नहीं है उन्होंने छठ के सैकड़ों गीत गाए हैं जो लोगों को खूब पसंद आए हैं छठ आस्था है विश्वास है परंपरा है छठ के पारंपरिक गीत लोगों को अपने गांव अपने परिवार की तरफ खींचते हैं। उन्होंने कहा कि छठ सही में लोक पर्व है इसमें कर्मकांड पंडित मंत्र की जरूरत नहीं होती बल्कि इसमें आस्था प्रबल होती है लगातार तीन दिनों तक व्रत करने वाले लोग निर्जला रहकर उपवास करते हैं। इस साल भी उनके कई छठ गीत रिलीज होने वाले हैं जो अगले एक-दो दिनों में दर्शकों श्रोताओं के बीच होंगे अभी भोजपुरी में सुपरहिट हुए अपने गीत के बारे में कल्पना ने क्या कहा कि भोजपुरी के जितने भी गायक हैं सबके अपने फ्रेंड है और सबको अब इस बात का अंदाजा हो गया है कि दर्शक श्रोता उनसे कुछ विशेष सुनना चाहते हैं अच्छी चीज है जब बिक रही है लोगों को पसंद आ रही है तो फिर गलत चीजों की तरफ जाने की जरूरत नहीं है उन्होंने कहा कि भोजपुरी के जितने भी गायक है चाहे पवन सिंह खेसारी लाल दिनेश लाल यादव निरहुआ मनोज तिवारी अंकुश राजा गोलू राज अजीत आनंद समर सिंह गुंजन सिंह सभी की अपनी-अपनी अलग अंदाज की गायकी है और उन लोगों ने भी कुछ गीत ऐसे जरूर गा दिए हैं जो वर्षों तक याद रखे जाएंगे पर अगर सभी लोग सही चीजों को प्रमोट करें तो फिर भोजपुरी को किसी से कोई शिकवा शिकायत नहीं होगी। कल्पना ने कहा कि वे 20 वर्षों से भोजपुरी इंडस्ट्री में है उन्होंने भोजपुरी के एक-एक चीजों को सीखा जब तक वह भोजपुरी को नहीं जानती थी तब जरूर कुछ ऐसे गीत आए होंगे जिसके अर्थ लोगों को अच्छे नहीं लगते होंगे पर जब उन्हें इस बात का ज्ञान हुआ तब से वह भोजपुरी के जातसार बारहमासा भिखारी ठाकुर के गीत और उन तमाम गीतकार और कलाकारों की तलाश में लग गई जिनकी चीजों को सामने लाया जाना चाहिए।

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