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पुतिन ने जमकर की तारीफ, बोले-मोदी सच्चे देशभक्त, स्वतंत्र विदेश नीति रखने का है दम

संवाद 
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने गुरुवार को कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी उन लोगों में से एक हैं जो स्वतंत्र विदेश नीति को लागू करने में सक्षम हैं और वह एक सच्चे देशभक्त हैं. वह अपने लोगों के हितों की रक्षा करना अच्छे से जानते हैं. मोदी एक आइस ब्रेकर की तरह हैं.
 एक और बार रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जम कर तारीफ की है.पुतिन ने वार्षिक वल्दाई डिस्कशन क्लब के सदस्यों से बातचीत कर रहे थे. 

गुरुवार को रूसी राष्ट्रपति ने भारत के प्रधानमंत्री की जमकर तारीफ की. इस दौरान उन्होंने भारत और रूस के पुराने और मजबूत संबंधों की भी बात कही. पुतिन ने ये बातें मॉस्को में वल्दाई डिस्कशन क्लब की 19वीं वार्षिक बैठक में कहीं. वहीं, पुतिन की तरफ से पीएम नरेंद्र मोदी के लिए की गई इन तारीफों की अब मीडिया में काफी चर्चा हो रही है.

रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने गुरुवार को कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी उन लोगों में से एक हैं जो स्वतंत्र विदेश नीति को लागू करने में सक्षम हैं और वह एक सच्चे देशभक्त हैं. वह अपने लोगों के हितों की रक्षा करना अच्छे से जानते हैं. मोदी एक आइस ब्रेकर की तरह हैं. कई देशों और लोगों ने भारत पर कई तरह के प्रतिबंध लगाने की कोशिश की, लेकिन इन सबके बावजूद मोदी ने भारत पर कोई भी प्रतिबंध लगाने की सभी कोशिशों को नाकाम कर दिया. वह एक तरह से इस मोर्चे पर आइस ब्रेकर की तरह हैं. भारत ने विकास में जबरदस्त सफलता हासिल की है और आगे भारत का ग्रेट फ़्यूचर है.

गुरुवार को उन्होंने कहा कि द्वितीय विश्व युद्ध की समाप्ति के बाद से दुनिया शायद 'सबसे खतरनाक' दशक में प्रवेश कर रही है, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने गुरुवार को चेतावनी दी और यूक्रेन संघर्ष को पश्चिमी वर्चस्व के खिलाफ रूस के व्यापक संघर्ष के हिस्से के रूप में पेश किया. यह तर्क देते हुए कि वैश्विक मामलों में पश्चिमी प्रभुत्व समाप्त हो रहा है, पुतिन ने जोर देकर कहा कि रूस न केवल पश्चिम को चुनौती दे रहा है बल्कि अपने अस्तित्व के अधिकार के लिए लड़ रहा है.

पुतिन उस समय बोल रहे थे जब यूक्रेनी सैनिकों ने उस क्षेत्र को पुनः अपने कब्जे में ले लिया जिसे मास्को ने अपने अधिकार में लिया था. पुतिन ने वार्षिक वल्दाई डिस्कशन क्लब के सदस्यों से एक लंबे सवाल-जवाब सत्र में कहा कि यह दूसरे विश्व युद्ध की समाप्ति के बाद से शायद सबसे खतरनाक, अप्रत्याशित और साथ-ही-साथ महत्वपूर्ण दशक है. 

पुतिन ने कहा कि स्थिति 'कुछ हद तक क्रांतिकारी' थी, उन्होंने यूक्रेन पर आक्रमण को 'संपूर्ण विश्व व्यवस्था के विवर्तनिक बदलाव' का एक हिस्सा बताते हुए कहा कि विश्व मामलों में पश्चिम के अविभाजित प्रभुत्व की ऐतिहासिक अवधि समाप्त हो रही है.

उन्होंने कहा कि एक ध्रुवीय दुनिया अतीत की बात होती जा रही है. जबकि पश्चिम अभी भी मानवता पर शासन करने की सख्त कोशिश कर रहा है. जबकि वह सक्षम नहीं था. दुनिया के अधिकांश लोग अब इसके साथ नहीं रहना चाहते हैं. 

रूसी राष्ट्रपति ने वर्तमान संकट को रूस के लिए अस्तित्व की लड़ाई के रूप में बताते हुए कहा कि रूस पश्चिम के कुलीन वर्ग को चुनौती नहीं दे रहा है, रूस सिर्फ अपने अस्तित्व के अधिकार की रक्षा करने की कोशिश कर रहा है.

पुतिन ने रूस पर लगे डर्टी बम के आरोपों को भी खारिज कर दिया उन्होंने कहा कि यूक्रेन अपने सैनिकों के खिलाफ ऐसे हथियारों का इस्तेमाल करने की तैयारी कर रहा था. सोमवार को, अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) ने आरोपों का जवाब देते हुए कहा कि वह नियमित रूप से दो साइटों का दौरा करती है, जिन पर मास्को ने सवाल उठाए थे. बयान में कहा गया है कि संयुक्त राष्ट्र एजेंसी के निरीक्षकों को कुछ भी अप्रिय नहीं मिला और वे आने वाले दिनों में फिर से यात्रा करने की तैयारी कर रहे हैं. 

पुतिन ने कहा कि हम अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी की यात्रा के पक्ष में हैं और यह जितनी जल्दी हो सके किया जाना चाहिए. बता दें कि डर्टी बम एक पारंपरिक बम होता है जिसमें रेडियोधर्मी, जैविक या रासायनिक सामग्री होती है जो एक विस्फोट में फैल जाती है. 

पिछले एक हफ्ते में, रूसी रक्षा मंत्री सर्गेई शोइगु ने फ्रांस, अमेरिका, ब्रिटेन, चीन और भारत में अपने समकक्षों के साथ बातचीत में यूक्रेनी डर्टी बम के दावों को दोहराया है. फ्रांस, अमेरिका और यूके सभी ने रूस के इस दावे को खारिज किया है. नाटो प्रमुख जेन्स स्टोलटेनबर्ग ने कहा है कि रूस झूठा दावा कर रहा है. इस बीच, कीव ने कहा है कि उसे डर है कि अपने झूठ को साबित करने के लिए रूस खुद के सैनिकों पर डर्टी बम से हमला कर सकता है.

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