सनातन धर्म में छठ पूजा एक बहुत बड़ा पर्व है। संतान प्राप्ति तथा संतान की उन्नति के लिए यह पर्व बहुत ही महत्वपूर्ण है। यह पर्व हर वर्ष कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की षष्ठी को मनाया जाता है। नहाए खाए के साथ शुरू होने वाला यह पर्व चार दिनों का होता है जिसकी शुरुआत नहाय-खाय से होती है और समापन सप्तमी को सुबह भगवान सूर्य के अर्घ्य के साथ होता है।
आज डूबते सूर्य को अर्घ्य
निर्जला व्रत रखकर छठ पूजा करने वाले छठ व्रतियों ने दूसरे दिन यानी खरना पर शाम को गुड़ और चावल से बनी खीर का भोग एवं प्रसाद ग्रहण कर खरना किया। इसके बाद आज छठ व्रती डूबते सूर्य को गेहूं के आटे और गुड़ व शक्कर से बने ठेकुए और चावल से बने भुसबा, गन्ना, नारियल, केला, हल्दी, सेब, फल-फूल हाथों में लेकर तालाब में खड़े होकर सूर्य को अर्घ्य देंगे। इसमें शुद्धता और साफ-सफाई का विशेष ख्याल रखा जाता है।
विभिन्न जिलों में सूर्योदय और सूर्यास्त का समय
जिला - सूर्यास्त (30 अक्टूबर) - सूर्योदय (31 अक्टूबर)
पटना - 5.10 - 5.57
गया - 5.11 - 5.56
भागलपुर - 5.03 - 5.49
पूर्णिया - 5.00 - 5.48
पश्चिमी चंपारण - 5.11 - 6.01
मुजफ्फरपुर - 5.08 - 5.57
सारण - 5.11 - 5.59
दरभंगा - 5.06 - 5.55
सुपौल - 5.03 - 5.52
अररिया - 5.00 - 5.48
रोहतास - 5.15 - 6.01
मधुबनी - 5.05 - 5.54
पूर्वी चंपारण - 5.10 - 5.59
शेखपुरा - 5.08 - 5.53
गोपलगंज - 5.12 - 6.01
जमुई - 5.06 - 5.52
बक्सर - 5.15 - 6.01
शिवहर - 5.08 - 5.57
भोजपुर - 5.12 - 5.59
समस्तीपुर - 5.07 - 5.55
वैशाली - 5.09 - 5.56
सीतामढ़ी - 5.07 - 5.57
औरंगाबाद - 5.14 - 5.59
बेगूसराय - 5.06 - 5.53
खगड़िया - 5.05 - 5.51
बांका - 5.04 - 5.49
कटिहार - 5.00 - 5.47
नवादा - 5.09 - 5.54
भभुआ - 5.17 - 6.02
किशनगंज - 4.58 - 5.46
सिवान - 5.12 - 6.01
लखीसराय - 5.07 - 5.53
जहानाबाद - 5.11 - 5.57
अरवल - 5.12 - 5.58
मधेपुरा - 5.03 - 5.51
सहरसा - 5.04 - 5.51
मुंगेर - 5.05 - 5.51
नालंदा - 5.09 - 5.55