भारतीय महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए करवा चौथ का व्रत रखती हैं इसलिए यह व्रत और इसकी पूजा काफी सतर्कता के साथ की जाती है। सुहागिन महिलाएं चांद को अर्घ्य देकर व्रत खोलती हैं। इस पूजा में प्रयोग होनेवाली हर चीज का अपना एक अलग महत्व है। आपको जानकर हैरानी होगी कि यह व्रत तब तक पूरा नहीं माना जाता है जब तक पत्नी छलनी से चांद और अपने पति का चेहरा ना देख लें। करवा चौथ के व्रत में अब एक ही दिन बाकी है. कल यानी 13 अक्टूबर 2022 को ब्रह्म मुहूर्त के साथ इस पर्व की शुरुआत हो जाएगी. करवा चौथ का व्रत सालों बाद कई संयोग लेकर आ रहा है जिसने इस दिन की अहमियत को और बढ़ा दिया है. इस दिन सुहागिन महिलाएं सुखी वैवाहिक जीवन के लिए पूरी निष्ठा के साथ दिनभर निर्जला व्रत रखती हैं. फिर रात्रि में चंद्रमा की पूजा कर पति के हाथों से जल ग्रहण कर व्रत का पारण किया जाता है. यह पर्व पति-पत्नी के अटूट रिश्ते की मिसाल है. आइए जानते हैं करवा चौथ के मुहूर्त और पूजा विधि
करवा चौथ व्रत पूजन मुहूर्त-
ब्रह्म मुहूर्त- 4:41 AM से 5:31 PM
अभिजित मुहूर्त- 11:44 AM से 12:30 PM
विजय मुहूर्त- 2:03 PM से 2:49 PM
गोधूलि मुहूर्त- 5:42 PM से 6:06 PM
अमृत काल- 4:08 PM से 5:50 PM
करवा चौथ पूजा विधि-
सुबह जल्दी उठकर स्नान कर लें।
स्नान करने के बाद मंदिर की साफ- सफाई कर ज्योत जलाएं।
देवी- देवताओं की पूजा- अर्चना करें।
निर्जला व्रत का संकल्प लें।
इस पावन दिन शिव परिवार की पूजा- अर्चना की जाती है।