नगर निकाय चुनाव को लेकर पटना हाईकोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है। कोर्ट ने सशर्त चुनाव कराने की अनुमति दे दी है। पटना हाईकोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश मानने की शर्त में निकाय चुनाव कराने की अनुमति दी है। बता दें कि बिहार सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के ट्रिपल टेस्ट के आदेश को मानने के वायदे के साथ हाईकोर्ट में पुनर्विचार याचिका दायर की थी। याचिका पर सुनवाई करते हुए चीफ जस्टिस की बेंच ने सरकार की ओर से दिए गए आश्वासन के आधार पर निकाय चुनाव कराने की प्रकिया शुरू करने की अनुमति दी है।बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में स्पष्ट कहा है कि स्थानीय निकाय चुनाव में तभी पिछड़े वर्ग को आरक्षण दिया जा सकता है, जब सरकार ट्रिपल टेस्ट कराए। सरकार ये पता लगाए कि किस वर्ग को पर्याप्त राजनीति प्रतिनिधित्व नहीं मिल रहा है। वहीं, नीतीश सरकार सुप्रीम कोर्ट का फैसला माने बगैर चुनाव कराने में लगी थी, जिस पर पटना हाईकोर्ट ने रोक लगा दिया था। इसके बाद सरकार ने कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दायर की थी।हाईकोर्ट के फैसले के बाद बैकफुट पर आयी बिहार सरकार अब सुप्रीम कोर्ट के आदेश को मनने की कवायद शुरू कर दी है। यही कारण है कि नीतीश सरकार रातों रात बिहार में अति पिछड़ा वर्ग आयोग का गठन किया है। आयोग बिहार में उन जातियों का पता लगाएगी, जिन्हें पर्याप्त राजनीतिक भागीदारी नहीं मिल रही है। बिहार सरकार इसी आयोग का हवाला देकर हाईकोर्ट गई थी। बिहार सरकार ने हाईकोर्ट में कहा कि वह सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार, टिपल टेस्ट कराने की प्रक्रिया में लग गई है।