डिजिटल संवाद
कुछ तरीकों को अपनाकर आप फ्रॉड से बच सकते हैं और अपना पैसा सुरक्षित रख सकते हैं. आइए जानते हैं डिजिटल पेमेंट करते वक्त किन बातों का रखना चाहिए ध्यान...
आज कल लोग कैश लेन-देने से ज्यादा डिजिटल पेमेंट करने लग गए हैं. ये काफी आसान भी है और चुटकियों में कहीं दूर बैठे किसी शख्स तक पेमेंट पहुंचाने का आसान तरीका भी है. सरकार भी डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा दे रही है. कुछ समय पहले सरकार ने डिजिटल पेमेंट (Digital Payment) को बढ़ावा देने के लिए बीबीपीएस (BBPS) से बिल पेमेंट (Bill Payment) की सुविधा शुरू की थी और एनईएफटी (NEFT) की सुविधा को चौबीस घंटों तक देने की भी घोषणा की थी.
लेकिन इस बढ़ते हुए डिजिटल पेमेंट के बीच में फ्रॉड होने के भी काफी चांसेज रहते हैं, खासकर उन लोगों के लिए ज्यादा दिक्कत है जो लोग डिजिटल पेमेंट के बारे में सीख रहे हैं या इसके बारे में कम जानकारी रखते हैं. ऐसे लोगों के साथ आसानी से धोखाधड़ी हो जाती है. ऐसा तब होता है जब आपकी ओटीपी गलत हाथों में पड़ जाता है. लेकिन कुछ तरीकों को अपनाकर आप फ्रॉड से बच सकते हैं और अपना पैसा सुरक्षित रख सकते हैं. आइए जानते हैं डिजिटल पेमेंट करते वक्त किन बातों का रखना चाहिए ध्यान...
सुरक्षित ऐप का ही करें इस्तेमाल
हैकर्स स्मार्टफोन में यूज की जाने वाली कई तरह की ऐप्स की मदद से भी फोन में मौजूद दूसरे डिटेल्स और ओटीपी चुरा लेते हैं, भले ही ये ऐप टॉर्च या कैलकुलेटर हों. ऐसे में प्ले स्टोर या ऐप स्टोर से डाउनलोड की गईं ऑफिशल ऐप्स ही इस्तेमाल करें.
ट्रस्टेड सोर्स से ही करें पेमेंट
जब भी आप डिजिटल पेमेंट करते हैं तो इस बात का ध्यान रखें कि इसे ट्रस्टेड सोर्स से ही किया जाए. इसके अलावा इस बात पर भी ध्यान रखें कि कितनी रकम कटने वाली है क्योंकि फ्रॉड होने पर अमूमन बड़ी रकम आपके अकाउंट से गायब हो सकती है. इसलिए अगर सोर्स विश्वसनीय न लगे तो फौरन पेमेंट कैंसल कर दें.
किसी से भी शेयर न करें ओटीपी
इस मामले में सबसे जरूरी स्टेप है कि आप किसी से भी अपना ओटीपी शेयर न करें. इसी तरह से कॉल, वॉट्सऐप या ईमेल पर सामने कोई भी हो, भले ही वह खुद के बैंककर्मी होने का दावा करे, आपको ओटीपी शेयर नहीं करना है. बैंक कभी भी अकाउंट होल्डर से ओटीपी नहीं पूछते, ऐसे में झूठ बोलकर कोई आपको फ्रॉड का शिकार बना सकता है.