अनूप नारायण सिंह
पटना। प्राप्त केंद्रीय मंत्री स्वर्गीय रामविलास पासवान और चिराग पासवान के प्रति की घड़ी आपत्तिजनक टिप्पणी का विरोध करते हुए लोजपा रामविलास के प्रधान महासचिव सह मुजफ्फरपुर जिले की प्रभारी रंजन सिंह ने कहा की जिस समय नितीश कुमार का वजूद नहीं था उसी समय रामविलास पासवान जी बिहार विधानसभा के सदस्य थे। उन्होंने कहा कि चिराग पासवान ने कभी भी किसी भी राजनेता के लिए आपत्तिजनक बयान नहीं दिया है मुख्यमंत्री ने जिस भाषा का इस्तेमाल किया है वह उनके मानसिक दिवालियापन को उजागर करता है।बिहार में जिस तरीके से महागठबंधन की सरकार में कानून व्यवस्था,स्वास्थ्य व्यवस्था,शिक्षा व्यवस्था और किसानों के मुद्दे बुरी तरह चरमरा गई है। आए दिन यहां लूटमार और हत्याएं हो रही है इसका असली वजह है गरीबी और बेरोजगारी आप देख लीजिए नीति आयोग के मल्टी डाइमेंशनल प्रॉवर्टी इंडेक्स में बिहार प्रदेश के 52% से ज्यादा लोग गरीबी रेखा के नीचे है जोकि भारत के अन्य राज्य के तुलना में कहीं अधिक है।आज जिस तरीके का माहौल है जहां पर मुख्यमंत्री जी पिछले 17 साल से खुद अपने पैरों पर खड़ा करके होकर आज तक मुख्यमंत्री नहीं बन सकते है और अगर आपने पिछले 17 साल में सुशासन के राज को स्थापित किया तो आपको इतने समय बाद भी किसी दूसरे से गठबंधन करने की नौबत क्यों आ रही है,आप अपने उसी सुशासन के सरकार और विकास के मुद्दे पर चुनाव लड़कर अकेले मुख्यमंत्री बन सकते हैं लेकिन मुख्यमंत्री जी डरपोक हैं और हमेशा किसी न किसी सहारे के बदौलत अपने कुर्सी पर बने हुए है आज बिहार की दिशा और दशा पिछले 17 साल में बदलने में नाकामयाब रहे ऐसे मुख्यमंत्री अब देश के मानचित्र पर जाकर अपनी राजनीति कर पूरे देश को बर्बाद करने की योजना बना रहे हैं आज स्थिति यह है कि एक के बाद एक इनके मंत्री एवं विधायक भ्रष्टाचारी एवं दागी होने का के आरोप में बर्खास्त हो रहे हैं,इस स्थिति में सुशासन की सरकार चलाना कितना संभव हो पाएगा बिहार के विकास को लेकर इनके पास अपना कोई विजन नहीं है जब बिहार के पास आय का स्रोत ही नहीं होगा तो यहां इंफ्रास्ट्रक्चर और बेरोजगारी पर कैसे काम किया जा सकता है। आज देख लीजिए कि बिहार में बेरोजगारी दर देश के अन्य प्रदेश की तुलना में सबसे अधिक है इस स्थिति में तेजस्वी जी के 10 लाख के रोजगार को बढ़ाकर मुख्यमंत्री जी 20 लाख रोजगार देने की बात पिछले 15 अगस्त को ऐतिहासिक गांधी मैदान से करते है, ऐसी स्थिति में जहां पर सरकार के नियुक्त हुए कर्मचारी को सही समय पर वेतन नहीं मिल रहा है पेंशनभोगी को पेंशन नहीं मिल रहा है अब ऐसी स्थिति में 20 लाख रोजगार का दावा बिहार के जनता के साथ एक भद्दा मजाक नहीं तो और क्या है।अगर ऐसे ही रोजगार का अवसर मुख्यमंत्री जी पिछले 17 साल में अगर खड़ा किए होते तो बिहार से लाखों लोगों का पलायन न हुआ होता आज देश के किसी भी कोने में जाइए आपको एक न एक बिहारी जरूर वहां कार्यरत मिल जाएंगे अपने कौशल से दूसरे प्रदेश में पैसा कमा कर और उस प्रदेश को विकसित बनाने में अपना योगदान दे रहे हैं, ऐसे लाखों बिहारी जो बिहार प्रदेश से बाहर दूसरे प्रदेशों को अपनी प्रतिभा से विकसित कर रहे हैं अगर बिहार में उनको वह सारी सुख सुविधाएं एवं संसाधन मिलती तो बिहार को विकसित क्यों नहीं बनाया जा सकता है,तो मुख्यमंत्री जी अब चाहते ही नहीं है कि बिहार विकसित हो क्योंकि जब तक यहां गरीबी,अशिक्षित,बेरोजगारी रहेगी तब तक इन लोगों की कुर्सी सुरक्षित रहेगी लोग पढ़ लिख लेगा होशियार हो जाएगा तो अपने अधिकार की बात करने लगेंगे इन बुनियादी जरूरतों पर ध्यान ना दे कर महागठबंधन की सरकार दलित महादलित,पिछड़ा अति पिछड़ा की राजनीति में समाज को बांट कर अपने राज स्थापित करने का काम पिछले 30 साल से किए जा रहे हैं बिहार की जनता को सोचना है कि हमारी पार्टी बिहार फर्स्ट बिहारी फर्स्ट के विजन डॉक्यूमेंट के चिराग पासवान के नेतृत्व में आगे बढ़े और बिहार में युवाओं,गरीब,शोषित,दलित वंचित का एकमात्र सहारा और उनके आवाज श्री चिराग पासवान जी है इनका साथ देकर बिहार को बचाएं जहां एक और हमारे नेता आज हर एक व्यक्ति जो शासन से प्रताड़ित है उनसे मिलकर बिहार के कोने कोने में उनके दुख दर्द को बांटने के लिए दिन-रात जा रहे हैं वही मुख्यमंत्री अलग-अलग प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों के साथ मिलकर विपक्षी एकता बनाकर खुद का अगली कुर्सी के सुरक्षित करने का योजना बना रहे हैं अब तो बिहार की जनता को सोचना है की ऐसे व्यक्ति को चुने कि जो बिहार में उनके घर जाकर उनके दुख दर्द को देख रही है या अन्य प्रदेशों में जाकर अपनी अगली कुर्सी सुरक्षित कुर्सी को सुरक्षित करने में लगे हुए हैं।