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पटना: बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्रियों को सरकार की ओर से आवास को खाली करने को लेकर नोटिस आया है. पूर्व डिप्टी सीएम तारकिशोर प्रसाद और रेणु देवी को नोटिस दिया गया है. वहीं पूर्व विधानसभा अध्यक्ष विजय सिन्हा को भी आवास खाली करने का नोटिस मिला है. आवास खाली नहीं कराए जाने पर इन लोगों को जुर्माना भी देगा. वहीं दूसरी ओर बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल ने इस मामले में आपत्ति जताई है और सरकार के फैसले पर सवाल उठाया है.
दरअसल महागठबंधन सरकार बनने के बाद उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव को पद तो मिल गया, लेकिन इस पद के लिए तय सरकारी बंगला अब तक नहीं मिला है. इसका कारण यह है कि पूर्व उप मुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद और रेणु देवी पद से हटने के बाद भी पुराने आवास में बने हुए हैं. ये दोनों पद के साथ मिला बंगला नहीं छोड़ रहे हैं. अब सरकार ने सख्ती करने का निर्णय लिया है. भवन निर्माण मंत्री डा. अशोक चौधरी ने कहा कि ये मर्जी से आवास खाली नहीं करते हैं तो मजिस्ट्रेट तैनात कर खाली कराया जाएगा.
आवास को खाली करने को लेकर दिए गए नोटिस पर भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल ने कहा कि दो पूर्व उप मुख्यमंत्रियों को आवास खाली करने के लिए नोटिस दिया गया है. जबकि विधान परिषद के एक पूर्व सदस्य कार्यकाल समाप्त होने के बाद भी सरकारी आवास में बने हुए हैं. यह सरकार की दोहरी नीति है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार हमेशा ऐसा ही करते हैं. उन्होंने कहा कि जो लोग विधायक और विधान परिषद् नहीं हैं उनके खिलाफ बंगला खाली कराने के लिए कोई कार्रवाई नहीं हो रही है. जबकि उनकी सदस्यता छह माह पहले ही समाप्त हो गई है. ऐसा सिर्फ इसलिए हो रहा है,क्योंकि उन्हें नीतीश कुमार का सपोर्ट मिल रहा है.
बता दें कि उप मुख्यमंत्री बनने के तीन महीने बाद भी तेजस्वी यादव इस आवास में नहीं आ पाए हैं. वह विपक्ष के नेता की हैसियत से आवंटित पुराने आवास में रह रहे हैं. वहीं पूर्व उप मुख्यमंत्री रेणु देवी का आवास तेजस्वी के बड़े भाई और पर्यावरण एवं वन मंत्री तेज प्रताप यादव को दिया गया है. वह भी नए आवास में नहीं आ पाए हैं. कैबिनेट की बैठक पिछले मंगलवार को हुई तो हॉल में बैठे मंत्रियों के बीच बंगला को लेकर तीखी भी झड़प हो गई. जिस पर भवन निर्माण मंत्री अशोक चौधरी ने बेचारगी के साथ कहा कि वे क्या करें. भाजपा कोटे के पुराने मंत्री घर छोड़ ही नहीं रहे हैं.