अपराध के खबरें

मोरबी में मौत और मातम के बावजूद लोग क्यों चाहते हैं पहले जैसा पुल, क्या फिर बनेगा 'सस्पेंशन ब्रिज'..?

संवाद 
मोरबी के लोग ब्रिटिश काल के 'सस्पेंशन ब्रिज' को बेहद मिस कर रहे हैं। उनका कहना है कि 'जुल्टो पुल' के नाम से चर्चित यह ब्रिज मोरबी का ताज था। इसे दोबारा कायम किया जाना चाहिए। जानें लोगों की प्रतिक्रिया

मोरबी 7 नवम्बर। मोरबी में 30 अक्टूबर को ब्रिटिश काल का 'सस्पेंशन ब्रिज' टूट कर गिर गया था, जिसमें 135 लोगों की मौत हो गई थी। 'जुल्टो पुल' के नाम से चर्चित इस ब्रिज को मोरबी का ताज कहा जाता था। यह मोरबी की सबसे बड़ी पहचान था। हादसे को एक हफ्ते हो चुके हैं। बचाव दल घटनास्थल से जा चुके हैं। पुल के उदास अवशेष लटक रहे हैं। लेकिन शहर के निवासियों का माचू नदी के किनारे पर आना जारी है।

हादसे को लेकर प्रशासनिक छानबीन और सियासी आरोप प्रत्यारोपों का दौर जारी है लेकिन मोरबी शहर के लोग इस पुल की भव्यता और खूबसूरती को मिस कर रहे हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि यह पुल मोरबी के ताज में एक गहना की तरह था। यह शहर की सबसे बड़ी पहचान था। इस पुल के जीर्णोद्धार को लेकर आवाजें बुलंद होने लगी हैं।

टाइल डीलर देवेंद्र पटेल भी माचू नदी के किनारे पहुंचने वालों में से एक हैं। वह कहते हैं कि यह पुल हमारे शहर की पहचान था। आज रास्ते से गुजरते हुए जब मुझे जूल्टो पुल नहीं दिखा तो मुझे एक शून्य महसूस हुआ। 

देवेंद्र कहते हैं कि 1996 में जब टिकट की कीमत 50 पैसे या एक रुपये थी, तब मैं और मेरे साथी नदी के एक तरफ अपनी साइकिलें पार्क करते थे और दूसरी तरफ एक इंजीनियरिंग कॉलेज तक जाने के लिए इस पुल की मदद लेते थे। यह पुल तीन किलोमीटर की अतिरिक्त दूरी बचाता था। अक्सर, हमें बिना शुल्क के जाने दिया जाता था। अभी भी कुछ दिनों के अंतराल पर मैं पुल पर पहुंच जाया करता था।

إرسال تعليق

0 تعليقات
* Please Don't Spam Here. All the Comments are Reviewed by Admin.

live