दरअसल, राज्य निर्वाचन आयोग के सचिव मुकेश सिन्हा ने बताया कि सभी निकायों में प्रत्याशी पहले वाले नामांकन पर ही लड़ेंगे। चुनाव आयोग ने उन्हें जो सिंबल आवंटित किए, वो भी पहले की तरह बरकरार रहेंगे।
पूर्व में आम चुनाव के लिए अधिसूचित 224 नगरपालिकाओं का निर्वाचन कराया जाए। इस बाबत आयोग ने 9 सितंबर, 2022 को जारी पत्र भी भेजा है। मतदान की निर्धारित अवधि एवं मतगणना का समय पूर्ववत रहेंगे। पहले एवं दूसरे चरण के चुनाव के लिए सभी संबंधित नगरपालिका के सभी पदों के लिए किए गए नामांकन, नामांकन पत्रों की जांच एवं नामांकन वापसी के बाद चुनाव लड़ने वाले प्रत्याशियों को प्रपत्र-14 (ख) में आवंटित चुनाव चिह्न के अनुसार चुनाव कराया जाएगा।
इसके साथ ही सभी संबंधित निर्वाचन लड़ने वाले उम्मीदवारों को निर्वाची पदाधिकारी के माध्यम से चुनाव कार्यक्रम के संबंध में लिखित रूप से तामिल कराना सुनिश्चित किया जाएगा। निकाय चुनाव के लिए निर्वाचन आयोग समय-समय पर विभिन्न पत्रों के जरिए निर्देश देगा, जो प्रभावी रहेंगे।वहीं, नगरपालिका निर्वाचन के लिए अधिसूचना जारी होने की तारीख से आयोग आदर्श आचार संहिता प्रभावी है, सभी नगर निकायों में मतगणना पूरी होने और नतीजे घोषित होने के बाद आचार संहिता अपने आप खत्म हो जाएगी।
मालुम हो कि, राज्य निर्वाचन आयोग ने पटना हाईकोर्ट के 4 अक्टूबर को आए आदेश के बाद चुनाव प्रक्रिया और तैयारी में संशोधन की जरूरत को देखते हुए निकाय चुनाव की वोटिंग को स्थगित कर दिया था। जिसके बाद, अब वोटिंग की नई तारीख जारी की गई है। पहले 10 और 20 अक्टूबर को मतदान होना था।
गौरतलब हो कि, पटना हाईकोर्ट ने निकाय चुनाव में पिछड़ा और अति पिछड़ा वर्ग के आरक्षण को गलत करार दिया था। इस आदेश के बाद बिहार सरकार ने अति पिछड़ा आरक्षण की समीक्षा के लिए एक डेडिकेटेड कमीशन गठित किया। इसकी रिपोर्ट नगर विकास एवं आवास, बिहार द्वारा बुधवार को राज्य निर्वाचन आयोग को उपलब्ध कराई गई। इसके बाद वोटिंग की नई तारीखों की घोषणा