संवाद
मेडिकल लिट्रेचर रिव्यू की एक रिपोर्ट में सनसनीखेज खुलासा करते हुए कहा गया है कि, पिछले 50 सालों में दुनियाभर के मर्दों में स्पर्म काउंड में 50 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है, जो गंभीर चिंता का विषय है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि, अगर इस निष्कर्ष की पूरी तरह से पुष्टि हो जाती है और अगर मर्दों के शुक्राणु की क्षमता में लगातार इसी तरह की गिरावट दर्ज की जाती है, तो फिर इसका मानव प्रजनन पर गंभीर प्रभाव पड़ेगा। रिपोर्ट में कहा गया है, कि शुक्राणुओं की क्षमता में गिरावट का इंसानों के स्वास्थ्य पर भी गंभीर असर पड़ेगा, क्योंकि क्योंकि वीर्य की गुणवत्ता पूरे शरीर को स्वस्थ रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
सीएनएन की रिपोर्ट के मुताबिक, वीर्य को लेकर किया गया ये रिव्यू और इसके निष्कर्षों ने पुरुष प्रजनन क्षमता को लेकर मेडिकल विशेषज्ञों के बीच एक बहस छेड़ दी है। कुछ विशेषज्ञों का कहना है, कि निष्कर्ष वास्तविक और जरूरी हैं, लेकिन कई विशेषज्ञों का ये भी कहना है कि, फिलहाल वो इस डेटा से आश्वस्त नहीं हैं, क्योंकि समये के साथ मर्दों के शुक्राणुओं की गिनती के इतने तरीके इतने बदल गये हैं, ऐतिहासिक और आधुनिक संख्याओं की तुलना करना संभव नहीं है। लेकिन, इस बात से सभी मेडिकल विशेषज्ञ सहमत हैं, कि शुक्राणुओं की गिनती और उसकी क्षमता को लेकर अध्ययन की जरूरत है। स्टैनफोर्ड मेडिसिन के मूत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. माइकल ईसेनबर्ग ने सीएनएन से कहा कि, "मुझे लगता है कि किसी भी प्रजाति के मूलभूत कार्यों में से एक प्रजनन है। इसलिए मुझे लगता है कि, अगर कोई संकेत है, कि प्रजनन में गिरावट आ रही है, तो यह एक बहुत ही महत्वपूर्ण खोज है।"