बिहार में अवैध शराब के निर्माण और शराब तस्करी रोकने में असफल रही नीतीश कुमार सरकार ने फिर से एक गैर जिम्मेदाराना बयान दिया है। यह बयान छपरा में जहरीली शराब से मारने वाले 43 लोगों की मौत पर अट्टहास लगाने जैसा प्रतीत होता है।
सीएम नीतीश ने व्यवहारिकता से दार्शनिक बयान देते हुए कहा कि शराब नहीं पीनी चाहिए। हम यह बात कब से कह रहे हैं। शराब बुरी चीज है। ज्यादातर लोगों ने शराबबंदी के में सहमति दी थी। मगर कुछ लोगों का क्या करें, वो गलती कर रहे हैं।
छपरा में जहरीली शराब से बड़ी संख्या में हुई मौतों पर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का बयान आया है। सीएम नीतीश ने कहा कि अगर शराब पिओगे तो मरोगे ही। हमने शराबबंदी लागू कर रखी है। इसके बावजूद लोग शराब पी रहे हैं। शराब बुरी चीज है। जो शराब पिएगा वो तो मरेगा ही, ये उदाहरण सामने है।
सीएम नीतीश ने हर बार की तरह कहा है कि जहरीली शराब बनाने वाले धंधेबाजों को पकड़कर उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। बता दें कि छपरा में जहरीली शराब से दो दिन के भीतर 43 लोगों की मौत हो चुकी है। गुरुवार को ही 10 लोगों ने दम तोड़ा।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गुरुवार को विधानसभा में जाने से पहले मीडिया से बातचीत की। उन्होंने कहा कि हमने बिहार में 2016 से शराबबंदी लागू कर रखी है। उसी समय जहरीली शराब की बात सामने आई थी। सरकार ने इसके खिलाफ बहुत एक्शन लिए। मगर लोगों को भी सचेत रहना चाहिए। सीएम ने कहा कि लोगों को यह ध्यान रखना चाहिए कि बिहार में शराबबंदी है तो कुछ न कुछ गड़बड़ दारू ही मिलेगा। इससे लोगों की मौत हो जा रही है।
सीएम नीतीश ने आगे कहा कि शराब नहीं पीनी चाहिए। हम यह बात कबसे कह रहे हैं। शराब बुरी चीज है। ज्यादातर लोगों ने शराबबंदी के में सहमति दी थी। मगर कुछ लोगों का क्या करें, वो गलती कर रहे हैं। पिछली बार भी जहरीली शराब से मौतें हुईं तो कहा गया कि उन्हें मुआवजा मिलना चाहिए। अब जो शराब पिएगा तो वो मरेगा ही। हमने इस संबंध में जागरुकता अभियान भी चलाया।
गरीबों को नहीं फंसा रहे
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि बिहार की महिलाओं के कहने पर शराबबंदी का फैसला लिया गया था। इसपर बड़ी संख्या में पुरुषों ने भी सहयोग दिया। सभी दलों ने मिलकर इसपर सहमति जताई थी। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि गरीब लोगों को शराबबंदी के केस में न पकड़ें। बल्कि जो लोग शराब बनाकर बेच रहे हैं उनपर कार्रवाई की जाए।