विदेश मंत्री एस. जयशंकर दो दिवसीय दौरे पर शनिवार दोपहर वाराणसी पहुंचे। उन्होंने बीएचयू में आयोजित काशी-तमिल संगमम में भाग लिया। मीडिया से बातचीत में काशी-तमिल संगमम को अनूठी पहल बताया। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि दिसंबर 2022 से नवंबर 2023 के बीच भारत की मेजबानी में जी-20 का शिखर सम्मेलन होगा।
इसका आयोजन देश के 55 शहरों में होगा। सबसे बड़ा आयोजन (डेवलपमेंट मिनिस्टर्स की बैठक) वाराणसी में होगा। जिसकी अध्यक्षता वो खुद करेंगे। इसकी योजना बनाई जा रही है। उन्होंने बताया कि जी-20 सम्मेलन से संबंधित वाराणसी में प्रस्तावित आधा दर्जन बैठकों के स्थान और तैयारियों की समीक्षा के लिए वो यहां पहुंचे हैं। रविवार को विदेश मंत्रालय की टीम छह अलग-अलग बैठकों के लिए जगह चयन के साथ ही अतिथियों के स्वागत के लिए शहर में होने वाले कामों पर चर्चा करेगी।
काशी-तमिल संगमम एक बेहतर पहल
बीएचयू के एमपीथियेटर मैदान में पत्रकारों से बातचीत में विदेशी मंत्री एस. जयशंकर ने कहा कि काशी-तमिल संगमम का आयोजन पीएम मोदी की सोच का नतीजा है। यह एक बेहतर पहल है। इससे काशी और तमिलनाडु के प्राचीन सांस्कृतिक संबंधों का परिचय होगा।
सबके लिए यह नया अनुभव है। युवा पीढ़ी को सीखने को बहुत कुछ मिलेगा। उम्मीद है कि यह कार्यक्रम सफल होगा। देश के विभिन्न शहरों के बीच पुराने संबंध और बेहतर होंगे।
ग्रुप ऑफ ट्वेंटी (जी 20) में अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, चीन, फ्रांस, जर्मनी, भारत, इंडोनेशिया, इटली, जापान, कोरिया गणराज्य, मैक्सिको, रूस, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, तुर्की, यूके और यूएस और यूरोपीय संघ (ईयू) शामिल हैं।