कानपुर जनपद में एक बर्खास्त सिपाही ने अपनी भतीजी के साथ में मिलकर कई व्यापारियों और अधिकारियों को निशाना बनाया। आरोपी अपनी 'एके-47' वाली भतीजी के साथ में मिलकर लोगों को हनी ट्रैप में फंसाता था और उसके बाद उनसे वसूली की जाती थी।
सोशल मीडिया पर एके-47 के साथ फोटो की वजह से ही भतीजी का नाम भी एके-47 पड़ गया था। कानपुर के कई लोगों ने उसे अपने जाल में फंसाया। हालांकि जेल से छूटने के बाद एक व्यापारी ने इस रैकेट का खुलासा किया है और बर्खास्त सिपाही और उसके भतीजी वाले गैंग के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई है।
भतीजी की हरकते देख रिसेप्शन से ही फरार हो गया व्यापारी
युवती ने अपने बर्खास्त सिपाही के साथ मिलकर एक व्यापारी को जाल में फंसाया। युवती के चाचा भी मौरंग का काम करते थे और जिस व्यापारी को फंसाया गया था वह कल्याणपुर में थोक कारोबारी था। बर्खास्त सिपाही ने व्यापारी से दोस्ती की और ढाई लाख रुपए की मौरंग को एडवांस में ले लिया। जब व्यापारी ने पैसे मांगे तो आरोपी ने भतीजी को सामने करके उसे हनीट्रैप के जाल में उलझा दिया।
युवती ने व्यापारी को कई बिल्डरों को मौरंग सप्लाई का ऑर्डर दिलवाने के नाम पर होलट में बुलाया था। लेकिन व्यापारी उसकी हरकते देख रिसेप्शन से ही बाहर भाग गया।
इसके बाद युवती ने आरोप लगाया कि व्यापारी ने उसके साथ होटल में गलत काम किया है। बर्खास्त सिपाही ने भी इस मामले को लेकर कल्याणपुर थाने में एफआईआर दर्ज करवा दी। इसके बाद व्यापारी जेल चला गया।
समझौते के नाम पर 50 लाख की हुई डिमांड
व्यापारी जब जेल से वापस आया तो आरोपी चाचा-भतीजी उससे समझौते के नाम पर 50 लाख की डिमांड करने लगे। इसके बाद व्यापारी ने चाचा-भतीजी का रिकॉर्ड खंगाला तो वह भी दंग रह गया।
दोनों ने ही कई व्यापारियों को हनी ट्रैप में फंसाकर फर्जी मुकदमा दर्ज करवा जेल भेजा था। इसके बाद वह लोगों से केस खत्म करने के नाम पर पैसे ऐंठते थे। व्यापारी ने मीडिया को बताया कि भतीजी और चाचा महोबा-हमीरपुर के रहने वाले थे।
भतीजी एके-47 पहले लोगों को फोटो भेजकर उन्हें जाल में फंसाती थी और बाद में उनसे पैसे ऐंठने का काम करती थी। पीड़िता ने भोपाल में दो रेलवे अधिकारियों के खिलाफ भी रेप का केस दर्ज करवाया था। मामले में एसीपी कल्याणपुर में विशाल पांडेय ने कहा कि इस केस में चार्जशीट अदालत में लगा दी गई है। मामले में आगे की कार्रवाई की जाएगी।