बिहार विधानसभा में विपक्षी दल के नेता विजय सिन्हा ने सीएम नीतीश कुमार पर जमकर हमला बोला. उन्होंने कहा कि सीएम की कुर्सी पर नीतीश भले हैं, लेकिन फैसले तेजस्वी यादव ही ले रहे हैं. जहरीली शराब कांड के आरोपियों को ही जांच का जिम्मा दिया जा रहा है. विजय सिन्हा ने कहा कि सत्तारूढ़ दल के एमएलसी ही उपमुख्यमंत्री के शराब पीने की जानकारी दे रहे हैं, हिम्मत है तो मुख्यमंत्री एक्शन लें. वहीं विधानसभा में विपक्षी दल के नेता सिन्हा ने कहा कि विपक्षी दलों के विधायक सदन में सरकार की पोल खोलने लगे तो विधानसभा अध्यक्ष अवध बिहारी चौधरी खुद राष्ट्रीय जनता दल के प्रवक्ता के रूप में टोकाटोकी करने लगे. रोकने लगे.
विजय कुमार सिन्हा ने स्पीकर पर सवाल उठाते हुए कहा कि 5 दिनों के शीतकालीन सत्र में विपक्ष ने जनता के सवाल उठाए, लेकिन जवाब नहीं मिला. विधायकों से दुर्व्यवहार करने के क्रम में विधानसभा अध्यक्ष राजद प्रवक्ता बन गए. पद की गरिमा भूल विपक्ष के एक भी ध्यानाकर्षण को स्वीकार नहीं करना गलत है. कुर्सी के लिए हम मुख्यमंत्री को नियम के विपरीत समझौता करते देख रहे हैं. बीजेपी नेता ने कहा कि जो लोग शराब से मर गए, उनपर मुख्यमंत्री का रुख और बयान- दोनों ही दुर्भाग्यपूर्ण है. इन बातों का विरोध करने के लिए विधान परिषद् में बुधवार को भाजपा सुबह 11 बजे दो घंटे धरना देगी. इस प्रदर्शन में भाजपा के सभी विधायक और विधान परिषद के सदस्य शामिल होंगे. ये धरना 2 घंटे तक होगी जिसका नेतृत्व विपक्ष के नेता विजय सिन्हा और सम्राट चौधरी करेंगे.
मंगलवार को भाजपा के प्रदेश कार्यालय में संवाददाताओं से बातचीत में विजय सिन्हा ने कहा कि सीएम की कुर्सी पर नीतीश भले हैं, लेकिन फैसले तेजस्वी यादव ही ले रहे हैं. जहरीली शराब कांड के आरोपियों को ही जांच का जिम्मा दिया जा रहा है. भाजपा शराबबंदी के निर्णय में भी साथ थी अब भी उसपर अडिग है. लेकिन, शराबबंदी है कहां? सत्तारूढ़ दल के एमएलसी ही उपमुख्यमंत्री के शराब पीने की जानकारी दे रहे हैं, हिम्मत है तो मुख्यमंत्री एक्शन लें.
वहीं विधान परिषद् में नेता प्रतिपक्ष सम्राट चौधरी ने संवाददाताओं से कहा कि बिहार में पहले जहरीली शराब से मरने वाले के परिजनों को सहायता राशि दी जा रही थी, इसलिए सारण कांड में भी दी जाए. यह राशि सरकार खुद दे या आरोपियों से वसूल कर, जिम्मेदारी राज्य सरकार की है और वह इससे भागे नहीं. सम्राट चौधरी ने कहा कि विपक्ष शराब बेचने का मामला उठाता है तो सत्तापक्ष सारी बातों को झुठलाने पर अड़ जाता है. लेकिन अब तो सत्ता पक्ष के ही सदस्य अपने ही उप मुख्यमंत्री की पोल खोल रहे हैं. नीतीश कुमार को हिम्मत है तो वह तेजस्वी की जांच कराएं. कार्रवाई करें. अगर यह हुआ तो मैं जदयू के कई बड़े नेताओं का नाम बताऊंगा, जो शराबबंदी में भी शराब पी रहे हैं।