संवाद
पटना। पटना से मेयर पद की उम्मीदवार माला सिन्हा लोकप्रियता के मामले में सभी प्रत्याशियों को पछाड़ते हुए नंबर वन की रेस में पहुंच गई है माला सिन्हा का चुनाव चिह्न टेबल लैंप छाप जो ईवीएम क्रमांक 15 पर है माला सिन्हा वार्ड 44 से वार्ड पार्षद का भी चुनाव लड़ रही हैं जहां इन्हें ईबीएम क्रमांक 5 पर मोमबत्ती छाप मिला है माला सिन्हा वार्ड 44 की निवर्तमान पार्षद भी हैं और इन्हें पटना के 75 वार्डों में सर्वश्रेष्ठ वार्ड पार्षद का खिताब भी मिल चुका है माला सिन्हा अपना मुकाबला किसी से नहीं मानती वे कहती हैं कि लोकतंत्र में जनता जिसे चाहेगा वहीं चुनाव जीतेगा उन्होंने बेहतर काम किया है इसलिए लोग उनके साथ हैं।पटना नगर निगम मेयर पद पर कोई भी उम्मीदवार जीते इससे किसी को कोई फर्क नहीं पड़ने वाला है जीतेगा कोई एक ही पर अगर कायस्थ समुदाय की माला सिन्हा नहीं जीत पाई तो बिहार की राजनीति के आखिरी पायदान पर खरी कायस्थ जाति को लंबा इंतजार करना होगा बिहार से इस जाति से केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद की पहले ही छुट्टी हो चुकी हमें पटना साहिब से ही सांसद है नितिन नवीन सी जाति से बिहार सरकार में मंत्री से सरकार बदली गठबंधन टूटा अब महागठबंधन में कोई इस जाति का मंत्री नहीं है आर के सिन्हा जैसे धनकुबेर इस जाति में है पर वे अपने बेटे से ज्यादा कुछ भी नहीं सोचते। खुद जोड़-तोड़ गठजोड़ और पैसे के बल पर एक बार राज्यसभा के सांसद बन चुके हैं अब अपने बेटे के लिए पटना साहिब के ही लोकसभा सीट चाहते हैं इतनी आसान नहीं है पर अगर माला सिन्हा को जिताने में यह लोग नाकाम हुए तो पटना सीट पर भी इनकी दावेदारी समाप्त हो जाएगी। माला सिन्हा पढ़ी-लिखी तेजतर्रार महिला है वार्ड 44 की वार्ड पार्षद ग्रुप में अच्छा काम किया है इनके पति बिहार के टॉप बिल्डरों में शामिल है नाम है सितेश रमन समाज सेवा का भी अच्छा अनुभव है सत्ता पक्ष और विपक्ष के सभी नेताओं से मधुर संबंध है पटना के जो लोग हैं वह जानते हैं कि माला सिन्हा के पति सितेश रमन ने शून्य से शिखर तक अपनी राह बनाई है दुश्मन कम है दोस्त ज्यादा है। सितेश रमन ने पहले ही कह रखा था कि माला सिन्हा से योग्य और दमदार उम्मीदवार लाइए में धनबल से उसकी मदद करेंगे पर कोई माला सिन्हा के समकक्ष का कायस्थ जाति से नहीं आया हां दो-तीन वोट कटवा जरूर खड़े हैं। 17 लाख के करीब पटना नगर निगम में मतदाता है जिसमें सारे 6.50 कायस्थ मतदाता है अगर 4 लाख भी वोटिंग होती है तो इनके जाति का उम्मीदवार निश्चित ही जीतेगा। कायस्थ जाति के अलावा पटना में दो से ढाई लाख माला सिन्हा का अपना बेस वोट है।