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पटना: बिहार में इसी दिसंबर माह में कराए जानेवाले नगर निकाय चुनाव का रास्ता साफ हो गया है. बिहार में निकाय चुनाव तय समय पर ही होंगे. सुप्रीम कोर्ट ने अति पिछड़ा आयोग को डेडिकेटेड कमीशन बनाये जाने के संबंध में दायर विशेष रिट याचिका पर तत्काल सुनवाई से इनकार कर दिया है. बुधवार को इस मामले पर तत्काल सुनवाई के लिए एक याचिका दायर की गयी थी. कोर्ट से गुहार लगायी गयी थी कि वह तत्काल इस मामले पर सुनवाई करे और बिहार में कराये जा रहे निकाय चुनाव पर रोक लगाये. सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि वो मामले की सुनवाई पहले से निर्धारित तारीख 20 जनवरी को ही करेंगे. पटना हाईकोर्ट ने पहले ही सुप्रीम कोर्ट का हवाला देकर इस मामले की सुनवाई की तारीख 23 जनवरी कर दी है.
याचिकाकर्ता सुनील राय ने विशेष सुनवाई की ये अर्जी सुप्रीम कोर्ट में लगायी थी. जिसमें कहा गया था कि नगर निकाय चुनाव 18 व 28 दिसंबर को होना है, इसलिए इस मामले की सुनवाई इन तिथियों से पहले ही की जाए. उन्होंने कहा कि वो नगर निकाय चुनाव को रोकने के मकसद से नहीं गये थे लेकिन आयोग से जुड़े विवाद पर जो याचिका दी थी उसपर आज सुनवाई की गयी. बिहार में नगर निकाय चुनाव दो चरणों में होना है. पहले चरण के लिए वोटिंग 18 दिसंबर को होगी और 20 दिसंबर को वोटों की गिनती कर रिजल्ट जारी कर दिया जाएगा. वहीं दूसरे चरण के लिए वोटिंग 28 दिसंबर को होगी और 30 दिसंबर को मतों की गिनती कर परिणाम जारी किया जाएगा. इससे पहले यह चुनाव अक्टूबर में होने वाला था, लेकिन पटना हाईकोर्ट के आदेश के बाद चुनाव को रद्द कर दिया गया था.
बिहार में दो चरणों में 224 शहरी निकाय चुनाव होने हैं. इनमें 17 नगर निगम, 70 नगर परिषद और 137 नगर पंचायत की अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और पार्षद की सीटें पर चुनाव होने हैं. निकाय चुनाव में राज्य के कुल एक करोड़ 14 लाख 52 हजार 759 मतदाता हिस्सा लेंगे. पहले चरण के लिए मतदान 18 दिसंबर को होगा और मतगणना 20 दिसंबर को. दूसरे चरण के लिए मतदान 28 दिसंबर को मतगणना 30 दिसंबर को होगी. नगर निकाय क्षेत्र में इस बार तीन पदों के लिए मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे. मुख्य पार्षद, उप मुख्य पार्षद और वार्ड के पार्षदों का सीधे मतदान के जरिये चयन होगा, चुनाव दो चरणों में कराया जाएगा.
बता दें कि पटना हाईकोर्ट के फैसले के बाद बिहार राज्य निर्वाचन आयोग ने नगर निकाय चुनाव को स्थगित कर दिया था. यह चुनाव दो चरण 10 और 20 अक्टूबर को होने वाला था लेकिन आरक्षण संबंधी प्रावधानों को लेकर कोर्ट के आदेश के बाद इसे तत्काल स्थगित कर दिया था. इसके बाद बिहार सरकार ने पटना हाईकोर्ट में पुनर्याचिका दायर कर चुनाव में आरक्षण के लिए डेडिकेटेड कमीशन बनाने की बत कही. इसके बाद सरकार ने एक डेडिकेटेड कमीशन बनाया और उन्हें सर्वे कर जल्द रिपोर्ट जारी की. 30 नवंबर को यह डिडेकेटेड कमीशन ने सरकार को रिपोर्ट सौंप दी. इसके बाद राज्य निर्वाचन आयोग ने चुनाव की घोषणा कर दी.