कलयुगी दौर में रिश्तों को तार-तार कर देने वाले एक पुराने मामले में इंदौर जिला न्यायलय द्वारा दुष्कर्मी पिता को अपने जीवन में मरते दम तक तीन बार आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई.
दरअसल, इंदौर के लसुड़िया क्षेत्र में 2018 में हैरान कर देने का मामला सामने आया था. इसमें एक आरोपी द्वारा अपनी ही नाबालिग बेटी को हवस का शिकार बनाया गया था, जिसपर पुलिस द्वारा 376 व पॉक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया था.
2018 में दर्ज हुआ था मामला
दरअसल, इंदौर के लसुड़िया क्षेत्र की नाबालिग लड़की 2018 की 25 सितंबर की रात को अपनी छोटी बहन के साथ पलंग पर सो रही थी. इसी बीच उसके पापा आये और उसका पैर पकड़कर खींचने लगे और उसके साथ जबरदस्ती करने लगे तो वह रोने लगी इतने में उसकी मम्मी उठ गई. लड़की की मां ने बाप पर चिल्लाया तो वह लड़की की मां और उन सबको चिल्लाकर मां-बहन की गाली बकने लगा. साथ ही उसने बोला कि सब सो जाओ फिर ये सब आरोपी बाप के डर के कारण सो गये थे. वह सुबह जब उठी तो उसने मम्मी को बताया कि आज से करीब 6 महीने पहले भी पापा ने उसके साथ गंदा काम किया था.
कई बार हैवान बाप ने किया रेप
वहीं आज से करीब चार दिन पहले भी जब मम्मी दाडकी (मजदूरी) पर गई थी तब भी पापा ने उसके साथ गलत काम किया था. साथ ही धमकी दी थी कि अगर इसके बारे में किसी को बताया तो वह उसे व उसकी मम्मी सबको जान से मार देगा. इसने इस डर से उसके साथ हुए गलत काम के बारे में किसी को नहीं बताया. इसके बाद लड़की की मां उसे और नानी को साथ लेकर 26 सितंबर को पुलिस थाना लसुड़िया में शिकायत दर्ज करवाई थी, जिसके बाद पुलिस द्वारा हैवान पिता के खिलाफ दुष्कर्म सहित पॉक्सो एक्ट सहित अन्य धाराओं में मामला दर्ज कर आरोपी पिता को गिरफ्तार किया गया था.
इंदौर जिला लोक अभियोजन अधिकारी संजीव श्रीवास्तव ने बताया कि 10 दिसंबर को माननीय न्यायालय सुरेखा मिश्रा, तेरहवें अपर सत्र न्यायाधीश और विशेष न्यायाधीश द्वारा थाना लसुड़िया के दुष्कर्म मामले में आजीवन कारावास 6000 रुपये अर्थदंड व पीड़ित बालिका को तीन लाख रुपये दिलाने की अनुशंसा की गई. वहीं जिला अभियोजन अधिकारी संजीव श्रीवास्तव के निर्देशन मे प्रकरण में अभियोजन की ओर से पैरवी विशेष लोक अभियोजक सुशीला राठौर द्वारा की गई.