मैथिली साहित्य की सुप्रसिद्ध लेखिका तथा मैथिली की लोक 85 वर्षीय गायिका जयन्ती देवी के निधन से उनके पैतृक गांव धर्मपुर उजान में शोक की लहर फैल गई है। जयंती देवी मैथिली साहित्य के सुप्रसिद्ध विद्वान आचार्य रमानाथ झा की पुत्रवधू थीं। जयन्ती देवी बिना स्कूली शिक्षा प्राप्त किए ही ससुर का सान्निध्य पाकर मैथिली में अनुपमा उपन्यास, गया यात्रा वर्णन, आराधना आदि कतिपय पुस्तकों की रचना अपने जीवन काल में की। इनकी लिखी कथा एवं गीत मिथिला मिहिर पत्रिका में प्रकाशित हो चुके हैं। अपने जीवन काल में इन्होंने आकाशवाणी से मैथिली गीतों को स्वर देकर अपनी पहचान बनाई। 1937 में उजान (गंगौली टोला) में जन्मी जयंती का निधन गुरुवार को प्रात: 9 बजे दिल्ली स्थित पुत्र के आवास पर हो गया। वे अपने पीछे पुत्र तथा पौत्र- प्रपौत्र आदि से भरा-पूरा परिवार छोड़ गयी हैं। उनके निधन के समाचार से किरण मैथिली साहित्य शोध संस्थान धर्मपुर उजान के अध्यक्ष डॉ. इन्द्रनाथ झा, सचिव डॉ. सतीरमण झा, कोषाध्यक्ष प्रो. केदारनाथ झा, संयुक्त सचिव लखनजी चौधरी, उपाध्यक्ष- अशर्फी कामति, डॉ. शिवशंकर श्रीनिवास, डॉ. रमानन्द झा रमण ,डॉ. अरविन्द कुमार सिंह झा, डॉ. एस.के. शमा आदि ने शोक व्यक्त किया है।