संवाद
अयोध्या, जिसे विश्व का सबसे पवित्र शहर माना जाता है। यहां भगवान श्रीराम की जन्मस्थली है और तो और यहां पर भगवान राम का काफी विशाल मंदिर का निर्माण भी किया जा रहा है, जो बनने के बाद विश्व का तीसरा व भारत का दूसरा सबसे बड़ा मंदिर कहलाएगा। लेकिन क्या आपको पता है कि अयोध्या न सिर्फ हिंदुओं का बल्कि सभी धर्मों का केंद्र माना जाता है। यहां पर हिंदु मंदिर के साथ-साथ मुस्लिमों के मस्जिद, जैनियों के लिए जैन मंदिर और सिखों के लिए गुरुद्वारा भी मौजूद है, जो भारत के धार्मिक विविधता को भी दर्शाता है।
जैन धर्म के लिए भी विशेष है अयोध्या
डॉ. राम मनोहर लोहिया विश्वविद्यालय में डॉ. प्रेमनाथ पांडेय द्वारा किए गए शोध के अनुसार, अयोध्या भगवान राम की जन्मस्थली होने के साथ-साथ जैन धर्म के आदि तीर्थंकर ऋषभदेव और अवन्तिनाथ का भी जन्मस्थान है। इसके अलावा यह स्थल अजितनाथ, अभिनंदननाथ एवं सुमन्तनाथ तीर्थंकर की भी पावन भूमि मानी जाती है। इस पवित्र भूमि से करीब 120 किमी. के क्षेत्रफल में लुम्बिनी (भगवान बुद्ध का जन्मस्थान) और श्रावस्ती (संभवनाथ और चन्द्रप्रभनाथ का जन्मस्थान) है।
सिक्ख धर्म के लिए भी पवित्र स्थान है अयोध्या
इसके अलावा यहां एक गुरुद्वारा भी स्थित है, जिसे गुरूद्वारा 'ब्रह्मकुण्ड' के नाम से जाना जाता है, जो सिक्ख धर्म का बड़ा केंद्र है। अगर भगवान राम के अलावा देखा जाए तो यहां पर हिंदुओं के देवता विष्णु, शिव एवं शक्ति की अधिष्ठात्री देवी शक्ति का भी मंदिर है। इसके विपरीत यह सीस पैगम्बर एवं नौगजी जैसे मुस्लिम अनुयायियों का स्थान भी रहा है।
अयोध्या में रूसी व नेपाली मंदिर
राम मंदिर के अलावा देखा जाए तो अयोध्या अपने रूसी मंदिर व नेपाली मंदिर के लिए खासा प्रसिद्ध है, जो रूस और नेपाल के नाम पर रखा गया है। इन मंदिरों की वास्तुकला नागर शैली और द्रविड़ शैली में देखने को मिलती है। मंदिर बाहुल्य होने के साथ-साथ अयोध्या सभी धर्मों को तरजीह देता है। यहां आपको सभी धर्मों के धार्मिक स्थल देखने को मिल जाएगा।
अयोध्या कैसे पहुंचें?
अयोध्या पहुंचने के लिए अब किसी भी पर्यटक को ज्यादा मेहनत नहीं करनी पड़ेगी। क्योंकि राम नगरी में ही विश्वस्तरीय सुविधाओं के साथ एयरपोर्ट, रेलवे स्टेशन व बस स्टेशन का निर्माण व नवीनीकरण कराया जा रहा है, जिससे अब कोई भी पर्यटक आसानी से अयोध्या घूमने के लिए जा सकता है।