अपराध के खबरें

रुडी ने लोकसभा में बिहारी प्रवासी श्रमिकों की मौत का मुद्दा उठाया

बिहारी श्रमिकों की मेहनत से अमीर हो रहे है कई राज्य, बावजूद इसके क्यों पिछड़ा है बिहार ?
अकेले दिल्ली में मौजूद प्रवासियों में से 18 प्रतिशत बिहारी

संवाद 

बिहर पांच में से एक बिहारी बिहार के बाहर पलायन कर गये है। पलायन करने वालों में 90 प्रतिशत से अधिक संख्या पुरुषों की हैं। राज्य के बाहर होने वाली दुघर्टनाओं में भी यदि किसी दूसरे राज्य के श्रमिक मरते है तो मरने वालों में बिहारी ही शामिल होते है। लोकसभा में नियम 377 के तहत बिहारी प्रवासी श्रमिकों की अन्य राज्यों में मौत का मुद्दा उठाने के बाद सदन के बाहर पत्रकारों से बातचीत करते हुए सारण सांसद सह भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता राजीव प्रताप रुडी ने उक्त बाते कही। सवालिया लहजे में उन्होंने पत्रकारों से कहा कि बिहारी श्रमिकों की मेहनत से कई राज्य अमीर हुए है और हो रहे है बावजूद, इसके बिहार क्यों पिछड़ा है यह ऐसा सवाल है जिसका उत्तर तलाशने की आवश्यकता है। गुरुवार को लोकसभा में लोकसभा में सांसद ने कहा कि बिहारी आगे है पर बिहार पीछे क्यों? उन्होंने सदन को बताया कि हाल में, ऐसे मामलों की संख्या में अप्रत्याशित वृद्धि हुई है जिनमें बिहार के प्रवासियों ने अन्य राज्यों में अपनी जान गंवाई है। बिहार की आबादी में आधे से अधिक परिवारों के ऐसे पुरुष सदस्य हैं जो रोजगार की तलाश में बाहर गए हैं। रोजगार की तलाश में बाहर जाने वालों में सबसे ज्यादा सारण, मुंगेर, दरभंगा, कोसी, तिरहुत और पूणिर्या से है। उन्होंने कहा कि अकेले दिल्ली में मौजूद प्रवासियों में से 18 प्रतिशत प्रवासी बिहार से हैं। उन्होंने यह भी बताया कि बिहारी प्रवासियों की औसत आयु 32 वषर् है जिनमें से 90 प्रतिशत से अधिक निजी कारखानों में काम करते हैं या अस्थायी श्रमिक के रूप में कायर्रत हैं। श्री रुडी ने बताया कि ऐसी कई रिपोटोंर् आई है जिसमें सबसे अधिक बिहार के प्रवासी श्रमिकों की मौत का उल्लेख किया गया है। कई उदाहरणों को लोकसभा में पेश करते हुए सांसद ने कहा कि 5 अगस्त 2022 को, जम्मू-कश्मीर में आतंकवादियों द्वारा एक बिहारी की हत्या कर दी गई और 2 अन्य घायल हो गए। मौतों के ऐसी भी दुखद मामलों की सूचना मिली है, जैसे इमारतों के गिरने से छपरा के तीन भाइयों की मौत हो गई, आग से हुई दुघर्टना में ग्यारह बिहारी श्रमिकों की मृत्यु हो गई, साथ ही सड़क दुघर्टनाओं में चार बिहारी मजदूरों की मौत हो गई। उन्होंने कहा कि ये घटनाएं एक मजबूत सुरक्षा और सुरक्षा तंत्र की कमी को उजागर करते हैं। इस प्रकार की घटना न हो यह सुनिश्चित करने की तत्काल आवश्यकता है ताकि ऐसी दुखद घटनाओं में बिहार और देश भर के श्रमिकों के कीमती जीवन की क्षति न हो।

إرسال تعليق

0 تعليقات
* Please Don't Spam Here. All the Comments are Reviewed by Admin.

live