संवाद
दरभंगा। मुख्यमंत्री के कार्यक्रम के एक दिन पूर्व दरभंगा के सांसद डॉ. गोपालजी ठाकुर ने एम्स को लेकर सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने आज मुख्यमंत्री से सवाल किया कि मिथिला एवं उत्तर बिहार के केन्द्र दरभंगा में जनस्वास्थ्य से जुड़ा सबसे बड़ा संस्थान दरभंगा एम्स के जमीन हस्तांतरण का मामला का समाधान कब करेंगे? उन्होंने कहा कि दरभंगा एम्स का निर्माण बिहार सरकार द्वारा प्रस्तावित जमीन हस्तांतरण नहीं होने के कारण रुका हुआ है। उन्होंने कहा कि बीते कुछ दिनों से महागठबंधन के नेता द्वारा एम्स को लेकर तरह-तरह का भ्रांति फैलाई जा रही है और राज्य सरकार द्वारा इसका कभी खंडन नहीं किया जा रहा है। बिहार की वर्तमान विकास विरोधी सरकार के नेता दरभंगा में एम्स निर्माण में रुकावट पैदा कर स्थानीय स्तर पर मिठाई वितरण कर जश्न मना रहे है, जिससे लोगों के मन में राज्य सरकार के नियत के प्रति शंका पैदा हो रहा है। उन्होंने कहा कि महागठबंधन के नेता इसी चक्कर में थे कि कब उनकी सरकार आए ताकि एम्स निर्माण के कार्य में वह बाधा उत्पन्न कर सके। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में 2015-16 के बजट में दरभंगा एम्स निर्माण को स्वीकृति दी थी और 15 सितंबर 2020 को केंद्रीय कैबिनेट के माध्यम से 1264 करोड़ की लागत से 750 बेड वाले दरभंगा एम्स के निर्माण को मंजूरी दिया गया था। जिसके पश्चात बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता वाली बिहार कैबिनेट द्वारा वर्ष 2021 में दरभंगा में एम्स निर्माण करने हेतु डीएमसीएच परिसर की 200 एकड़ जमीन केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय को हस्तांतरित करने हेतु मंजूरी प्रदान किया गया था और उक्त निर्माण स्थल पर मिट्टीकरण का कार्य प्रारंभ किया गया था। वहीं दरभंगा एम्स में कार्यकारी निदेशक नियुक्त होने के बाद 06 सितंबर 2022 को लगभग 81 एकड़ भूमि कागज पर दरभंगा एम्स को हस्तांतरित किया गया था और उक्त जमीन पर मौजूद पुराने निर्मित ढ़ांचे को तोड़ने का कार्य भी प्रारंभ हुआ था। उन्होंने सवालिया लहजे में पूछा कि क्या मुख्यमंत्री नीतीश कुमार स्वयं की अध्यक्षता में लिए गए फैसले को पलटेंगे, ये एक बड़ा सवाल है। सांसद डॉ. ठाकुर ने कहा कि जिन लोगों को आज डीएमसीएच का अस्तित्व खतरे में नजर आ रहा है,ये लोग उस वक्त कहां थे जब बिहार सरकार पूरे डीएमसीएच को ही भारत सरकार को सुपुर्द करने का प्रस्ताव दिया था। उन्होंने कहा कि दरभंगा एम्स के साथ अन्य सभी राज्यों में स्वीकृत एम्स बनकर तैयार हो चुका है और जनता को सेवा दे रही है, वहीं दरभंगा एम्स आज तक बिहार सरकार से जमीन हस्तांतरण का बाट जोह रहा है।