अनूप नारायण सिंह
अयोध्या महोत्सव में आयोजित सरस सलिल भोजपुरी सिने अवार्ड 2022 में मशहूर निर्माता और वितरक निशांत उज्जवल को भोजपुरी गौरव व सर्वश्रेष्ठ निर्माता वितरक का अवार्ड दिया गया। उन्हें यह अवार्ड फिल्म निर्माण और फिल्म डिस्ट्रीब्यूशन के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य के लिए दिया गया। उन्हें यह अवार्ड अयोध्या महोत्सव के अध्यक्ष श्री हरीश श्रीवास्तव के हाथों दिया गया। वही यह सम्मान पाकर निशांत उज्जवल ने कहा कि इस सम्मान के लिए मैं सरस सलिल और भोजपुरी सिने जगत से जुड़े तमाम लोगों को धन्यवाद देता हूं। यह मेरे लिए सिर्फ अवार्ड नहीं है बल्कि इसके मिलने के बाद मेरी जिम्मेदारियां भी बढ़ गई हैं।
निशांत ने अपनी सफलता का श्रेय माता-पिता भाई को दिया। साथ ही उन्होंने कहा कि इस अवार्ड से मैं गौरवान्वित महसूस कर रहा हूं और मुझे बहुत खुशी है कि मुझे इस लायक समझा गया। यह मुझे अपने काम को और बेहतर ढंग से करने के लिए प्रेरित करेगा। आगे मैं और अभी एक से बढ़कर एक फिल्मों का निर्माण करूंगा। साथ ही फिल्मों के डिस्ट्रीब्यूशन की भी जिम्मेवारी कुशलता पूर्वक निभाऊंगा। गौरतलब है कि निशांत उज्जवल बिहार के जिला मोतिहारी के बलुआ चौक से आते हैं। उनके पिता स्वर्गीय विजय कुमार सिन्हा भी फिल्म वितरक थे और उनके दादा स्मृतिशेष रुद्रदेव नारायण श्याम मोतिहारी कोर्ट में पेशकार थे। फिल्म वितरण उनके खून में था लेकिन उन्होंने शुरूआत फिल्मों का जनसंपर्क कर किया। निशांत उज्जवल (प्रशांत - निशांत) ने तकरीबन 500 से भी अधिक फिल्मों के लिए पीआर किया। इसके बाद वे फिल्म वितरण और निर्माण के क्षेत्र में उतर गए।
फिल्म वितरण के क्षेत्र में उन्होंने अब तक 400 से अधिक फिल्मों का वितरण भी सफलतापूर्वक किया है। फिर निशांत ने भोजपुरी बॉक्स ऑफिस के लिए बतौर निर्माता मेहंदी लगा के रखना 3,विवाह 2, मुझे कुछ कहना है जैसी सफल और ब्लॉकबस्टर फिल्मों का निर्माण किया है। इतना ही नहीं, भोजपूरी की सबसे बड़ी फिल्म माई द प्राइड ऑफ़ भोजपुरी, दाग, विवाह 3 आने वाले दिनों में दर्शकों के सामने होंगे यह फिल्म अभी फ्लोर पर हैं। इसके अलावा वे बतौर सह निर्माता चोरी चोरी चुपके चुपके, घातक और विवाह का भी कर चुके हैं। निशांत की यूएसपी उनके काम करने का तरीका और सक्सेस रेट है जो सभी को अपनी और आकर्षित करता है। यही वजह है कि इंडस्ट्री में उनके अनुभव ने उन्हें औरों से अलग बनाते हुए बेहद कम समय में इस मुकाम तक पहुंचा दिया है।