पटना।आज लोजपा रामविलास के प्रदेश महासचिव सह प्रभारी मुजफ्फरपुर रंजन सिंह से बिहार के मौजूदा स्थिति पर पत्रकारों के साथ चर्चा हुई उन्होंने शिक्षा मंत्री के बयान पर पलटवार करते हुए कहा कि बिहार के शिक्षा मंत्री अल्प ज्ञान के शिकार हैं क्योंकि,रामचरितमानस में भगवान राम ने मानवता को जोड़ने एवं मानव से प्रेम करने के संदेश दिए हैं , और जिस चौपाई का उल्लेख करते हैं उसमें "ताड़न" शब्द का अर्थ उनकी समझ से परे है।
श्री सिंह ने कहा कि बिहार में शिक्षा का स्तर काफी गिर चुका है इस पर शिक्षा मंत्री को ध्यान देने की आवश्यकता है। बिहार में शिक्षा का यह आलम है कि देश का साक्षरता दर 77.7% है वही बिहार का साक्षरता दर 61.80% है,और उन्हीं के सरकार के मुख्यमंत्री जी जिस महिला सशक्तिकरण की बात करते हैं,उसी महिला का बिहार में साक्षरता दर महज 51.50% है जो कि नीति आयोग की साक्षरता सूचकांक में सबसे नीचे है
श्री सिंह ने बताया कि बिहार का शिक्षा बजट वित्तीय वर्ष 2022- 23 के लिए सरकार ने 39139.87 करोड रुपए रखा है।इस पैसा से बिहार में शिक्षा का विकास कितना हुआ है,आप इसी बात से समझ सकते हैं कि बिहार का साक्षरता दर देश के अन्य राज्य की दुनिया में सबसे कम है शिक्षा मंत्री जी का बयान सरकार के नाकामियों के प्रति ना सवाल किए जाएं इससे सिर्फ भटकाना मात्र है।बिहार की जनता उनके इस रवैया से भटकने वाली नहीं है बिहार हमेशा से एकता और अखंडता का परिचय दिया है इनके बयान से तुष्टिकरण वाली राजनीति की बू आ रही है।आज मुख्यमंत्री जी एवं उनके जितने भी मंत्री हैं ,बिहार में किसान के समस्या,शिक्षा के समस्या, स्वास्थ की समस्या पर बात नहीं करना चाहते,इन सब में बिहार सरकार फेल हो चुकी है इसीलिए,इस तरह के बयान से प्रदेश की जनता को भटकाने की कोशिश की जा रही है ताकि,कोई सरकार से सवाल नए पूछे।