बिहार में सीएम नीतीश कुमार और जेडीयू संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा में तकरार दिन पर दिन बढ़ती जा रही है. अब कुशवाहा ने नीतीश के बयानों पर पलटवार किया. उन्होंने कहा कि मीडिया के जरिए मुझसे बातचीत की शुरुआत नीतीश कुमार ने की.
उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार ने पिछले दो साल में मुझे खुद से फोन नहीं किया. मैंने हर जरूरत पर नीतीश कुमार से फोन करके बात की. उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार के साथ 30 में से 29 दिन साथ रहने वाले कुछ लोग हैं लेकिन उपेंद्र कुशवाहा को समय नहीं दिया.
कुशवाहा ने कहा कि नीतीश जी और मेरी भी संतान हैं, वे सामने आकर कसम खा लें. सीएम नीतीश मुझे मिलने का समय दें. नीतीश कुमार के साथ सत्ता में बैठे ज्यादातर लोग आए गए वाले हैं. ज्यादातर नेता समता पार्टी के दौर से उनके साथ आते जाते रहे, मैं आए गए वालों में से नहीं हूं.
उपेंद्र कुशवाहा के बयान पर नीतीश ने कहा कि मुझे कुछ नहीं कहना. जो कहना है मैंने पहले ही कह दिया है. आपस में चर्चा होनी चाहिए. रोज-रोज बुलाएंगे. पार्टी में मिलकर बात करना चाहिए. मीडिया में नहीं.
नीतीश के कहने से नहीं छोडूंगा जेडीयू
उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि नीतीश या किसी के कहने से जेडीयू छोड़कर नहीं जाऊंगा. जेडीयू को बचाने की लड़ाई लड़ेंगे. उन्होंने ललन सिंह को सीधी चुनौती दी. उन्होंने कहा कि 2 फरवरी को किसी भी कीमत पर स्व. जगदेव प्रसाद की जयंती मनाएंगे. जेडीयू नेतृत्व के कहने से आयोजन नहीं रुकेगा. ये आयोजन गैर राजनीतिक संगठन के बैनर तले होगा.
नीतीश अभी बात करें तो कम नुकसान होगा
कुशवाहा ने नीतीश कुमार को सलाह दी कि अपने और पराए को पहचानिए. कुछ लोग नीतीश कुमार को हैंडल कर रहे हैं. नीतीश को अपनी मर्जी से काम करना चाहिए. नीतीश अभी बात करें तो उन्हें कम नुकसान होगा, देर हो गई तो नुकसान ज्यादा होगा.
उन्होंने नीतीश से राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक बुलाने की मांग की. उन्होंने कहा कि पार्टी फोरम पर बात रखने के लिए जेडीयू अध्यक्ष कार्यकारिणी की बैठक जल्द बुलाएं. इस बैठक में आरजेडी से डील को लेकर बात सामने आए.
तेजस्वी यादव पर कुशवाहा का हमला
उपेंद्र कुशवाहा ने डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव पर भी निशाना साधा. उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार आज जिन्हें बढ़ाने की बात कहते हैं, उन्होंने विधानसभा में नीतीश कुमार की संतान पर सवाल उठाए. तब मैंने नेता प्रतिपक्ष रहे तेजस्वी यादव की बात पर आपत्ति जताई थी.
नीतीश ने मुझे बुलाया, खुद नहीं आया
2020 के विधानसभा चुनाव के बाद नीतीश कुमार ने मुझे फोन कर मिलने को बुलाया. उन्होंने ने मुझे जिम्मेदारी संभालने के लिए बुलाया. मैं खुद नहीं आया था. नीतीश जब कमजोर हुए मुझे साथ के लिए बुलाया. 2009 और 2020 में नीतीश मुझे बुलाकर लाए.
पार्टी के कमजोर होने की बात कही तो मुझे पर शक
कुशवाहा ने बताया कि दिसंबर के तीसरे हफ्ते में नीतीश कुमार से मुलाकात की थी. मैंने कुढ़नी विधानसभा उपचुनाव के बाद पार्टी के कमजोर स्थिति की जानकारी दी लेकिन नीतीश मजबूती पर एक्शन लेने की बजाय मेरे बीजेपी के साथ जाने की आशंका जता रहे. मैंने अपनी पार्टी का विलय जेडीयू के साथ किया तब भी जेडीयू को नंबर वन बनाने का लक्ष्य रखा.
पार्टी के कमजोर होने पर यह दिया था बयान
उपेंद्र कुशवाहा ने कहा था कि हाल के दिनों में नीतीश कुमार कमजोर हुए हैं. इससे जदयू कमजोर हो रही है. राजद में कुछ लोग नीतीश कुमार को कमजोर करने की साजिश रच रहे हैं. राजनीतिक रूप से जब जब नीतीश कुमार कमजोर हुए हैं, हमने उनको सहयोग करने का काम किया. आज कुछ लोग उपेंद्र कुशवाहा को गाली दे रहे हैं, लेकिन इससे उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ता.
इस पर नीतीश कुमार कुशवाहा के आरोपों का खंडन किया. उन्होंने कहा- हमारी पार्टी कमजोर नहीं हुई है. ये झूठे आरोप हैं. लोगों को जो कहना है, कहने दो. हमारी पार्टी का कोई भी व्यक्ति किसी अन्य पार्टी के संपर्क में नहीं है. उन्होंने कहा- मैंने किसी को नहीं रोका. नेता अपनी इच्छा से आ और जा सकते हैं.