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बिहार की वर्तमान राजनीति में है बड़ा नाम पुत्र का कर रहे दहेज रहित विवाह, सोशल मीडिया पर लोग दे रहे बधाई

अनूप नारायण सिंह 
बिस्कोमान के चेयरमैन राजद कोटे से विधान पार्षद राजद के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष तथा देश के कई सहकारी समितियों में उच्च पदों पर विराजमान छपरा जिले के डुमरी बुजुर्ग गांव निवासी डॉ सुनील कुमार सिंह फिर चर्चा में इस बार चर्चा कोई राजनीतिक नहीं बल्कि सामाजिक कारणों से है। 19 जनवरी को डॉक्टर सुनील कुमार सिंह के पुत्र तेजस्वी का विवाह समारोह है और यह विवाह बिहार के उन तमाम लोगों के लिए अनुकरणीय है जो दहेज रहित विवाह के पक्षधर है। बिहार की राजनीति में एक बड़ा दमदार नाम होने के बावजूद डॉक्टर सुनील कुमार सिंह ने अपने पुत्र के विवाह में ₹1 भी दहेज नहीं लिया है। शादी समारोह की तैयारी उनके गांव डुमरी बुजुर्ग से लेकर पटना तक में जोर-शोर से चल रही और पूरा खर्च वे खुद वहन कर रहा है डॉक्टर सुनील कुमार सिंह के होने वाली बहू और उनके परिवार के बारे में लोग गूगल पर सर्च कर रहे हैं जानकारियां एकत्रित कर रहे हैं। डॉ सुनील कुमार सिंह की होने वाली पुत्रवधू का नाम श्वेता सिंह है जबकि उनके पिता डॉ आलोक कुमार सिंह चंपारण के रहने वाले हैं तथा पत्रकारिता जगत से ताल्लुक रखते हैं। बिहार के तमाम राजनीतिज्ञों और बड़े रसूख वाले लोगों के लिए भी डॉक्टर सुनील कुमार सिंह बड़ा नाजिर बने है।लोग सार्वजनिक मंचों से शादी विवाह और दहेज को लेकर बड़े-बड़े भाषण देते हैं बड़ी-बड़ी बातें करते हैं पर जब अपने पुत्र की शादी की बारी आती है तो गुपचुप तरीके से मोटी दहेज की रकम ऐंठ लेते हैं डॉक्टर सुनील कुमार सिंह इस बाबत कहते हैं कि सामाजिक कुरीतियों पर प्रहार करने के लिए समाज के वैसे चेहरों को आगे आना चाहिए जिनके प्रति लोगों में बड़ी उत्सुकता होती है अगर मेरे इस आदर्श कार्य से प्रभावित होकर लोग आदर्श विवाह के तरफ प्रेरित होंगे यही मेरे लिए सबसे बड़ा सुकून का फल होगा। सोशल मीडिया से लेकर मेंस्ट्रीम मीडिया तक में राजद विधान पार्षद डॉ सुनील कुमार सिंह के द्वारा उठाए गए इस साहसिक कदम की प्रशंसा हो रही है। बिहार के क्षत्रिय छतरपुर में भी डॉक्टर सुनील कुमार सिंह बड़ा चेहरा है सूत्र बताते हैं कि इस बड़े कदम को उठाने में डॉक्टर सुनील कुमार सिंह के साथ ही साथ उनकी धर्मपत्नी श्रीमती वंदना सिंह का भी बड़ा योगदान है उन्होंने पहले ही कह रखा था कि अपने बेटे की शादी में दहेज नहीं लेंगे तथा योग्य बहू की तलाश करेंगे और उनकी यह तलाश पूरी हुई। 19 जनवरी को आयोजित विवाह समारोह में शामिल होने के लिए पूरे देश दुनिया से कई चर्चित चेहरे आ रहे हैं। पटना से लेकर उनके गांव डुमरी बुजुर्ग तक में कई कार्यक्रम आयोजित हैं। बिहार की यह चर्चित शादी जरूर दहेज रहित विवाह को आगे बढ़ाने में मील का पत्थर साबित होगा। 

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