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पटना: उपेंद्र कुशवाहा बागी तेवर की वजह से जेडीयू के अंदर अलग-थलग पड़ गए हैं. वहीं उपेंद्र कुशवाहा के बागी तेवर पर सीएम नीतीश कुमार ने साफ कह दिया है कि जिनको जाना है जा सकता है. मैंने किसी को नहीं रोका. इसी कड़ी में उपेन्द्र कुशवाहा के बेहद करीबी धीरज सिंह कुशवाहा ने उनका साथ छोड़ दिया है. उन्होंने पत्र लिखकर बता दिया है कि महात्मा फूले समता परिषद के साथ वे नहीं रह सकते. दरअसल उपेन्द्र कुशवाहा इस सामाजिक संगठन के संरक्षक हैं. ऐसे में धीरज कुशवाहा ने उन्हें बड़ा झटका दे दिया है.
उपेन्द्र कुशवाहा के बेहद करीबी धीरज सिंह कुशवाहा ने महात्मा फूले समता परिषद से इस्तीफा दे दिया है. धीरज सिंह कुशवाहा ने उपेन्द्र कुशवाहा को लिखे पत्र में कहा है कि मैं महात्मा फूले समता परिषद का महासचिव सह मुख्य प्रवक्ता के साथ-साथ जदयू के मुख्य संगठन में प्रदेश सचिव हूं. एक साथ दो संगठन में काम करना संभव नहीं हो पा रहा है. साथ ही आम जनता और समाज के बीच भी भ्रामक स्थिति बनी रहती है. ऐसी स्थिति में किसी भी संगठन में मैं अपना शत प्रतिशत योगदान नहीं दे पा रहा हूं. उन्होंने आगे लिखा है कि बहुत सोच विचार करने के बाद मैं महात्मा फुले समता परिषद के सभी पदों एवं जिम्मेदारियों से तत्काल प्रभाव से इस्तीफा दे रहा हूं.
बता दें कि जेडीयू संसदीय बोर्ड के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा के बागी तेवर पर सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि जिनको जाना है जा सकता है. मैंने किसी को नहीं रोका. नीतीश कुमार ने बुधवार को इशारों में कहा कि जदयू नेता उपेंद्र कुशवाहा खुद ही भाजपा के सम्पर्क में जाना चाहते हैं, जिस कारण वे जदयू नेताओं को लेकर अनर्गल बयानबाजी कर रहे हैं. एक दिन पहले ही उपेंद्र कुशवाहा ने जेडीयू के कमजोर होने की बात कही थी. उन्होंने कहा था कि नीतीश कुमार और पार्टी को कमजोर करने की साजिश हो रही है.
उपेंद्र कुशवाहा को जवाब देते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि नेता अपनी मर्जी से आते-जाते हैं. मैंने किसी को नहीं रोका, जिनको जाना है जा सकता है. जितना बोलना हो बोलते रहिए और जब जाना हो चले जाएं. वहीं उपेंद्र कुशवाहा के जदयू के कमजोर होने के बयान पर सीएम नीतीश ने कहा कि जो लोग कहते हैं कि पार्टी कमजोर हुई है उन्हें कहें कि खूब खुशी मनाएं. हमारी पार्टी कहां कमजोर हुई है. पहले की तुलना में हमारी सदस्यता दोगुनी हो गई है.