आज से लगभग 10 दिन पहले बिहार पुलिस के नए डीजीपी आर एस भट्टी ने पदभार ग्रहण करते हुए पुलिसकर्मियों से पहली मुलाकात में नसीहत देते हुए कहा था कि यदि आप अपराधी को नहीं दौड़ाएंगे तो वह आपको दौड़ा देंगे। अब उनकी यह बात सच साबित हो गया।
दरअसल, राजधानी पटना दीघा थाना इलाके के जहाज घाट गली में बिहार पुलिस के दरोगा को एक वारंटी के घर का सत्यापन करना काफी महंगा पड़ गया। एक मामले में फरार चल रहे हैं आरोपी के परिजनों ने दरोगा को दौड़ा-दौड़ा कर पीटा। इससे वह गंभीर रूप से घायल हो गए।
इतना ही नहीं इन लोगों द्वारा दरोगा का चश्मा और मोबाइल भी तोड़ दिया गया साथ उनके बाइक की चाबी भी छीनने की कोशिश की गई। जिसके बाद दरोगा किसी तरह अपनी जान बचाकर वहां से भाग निकले और निजी अस्पताल में जाकर अपना इलाज करवाया। उसके बाद उन्होंने इस घटना की जानकारी दीघा थाना अध्यक्ष को दी जिसके बाद वहां पुलिस पहुंची और आरोपी के पिता को हिरासत में ले लिया। फिलहाल उससे घटना को लेकर पूछताछ की जा रही है।
बताया जा रहा है कि, कोर्ट से रामजीचक निवासी लल्लू राय के बेटे उपेंद्र राय के विरुद्ध काफी पुरानी मामले में वारंट निकाल। जिसके बाद उसके पते का सत्यापन करने के लिए दीघा थाना में तैनात अवर निरीक्षक राघवेंद्र नारायण सिंह जहाज घाट गली पहुंचे। जहां उन्होंने मोहल्ले के एक व्यक्ति से जानकारी लेने के बाद लालू राय के घर पहुंचे। इसके बाद दरोगा ने परिजनों से पूछा कि उपेंद्र राय कहां है? इतना सुनते हैं 7 से 8 लोग एक साथ दरोगा पर टूट पड़े और लात - घूसों से पीटने लगे और बाइक छिनने की कोशिश की गई, जिसके बाद वह किसी तरह अपनी जान बचाकर वहां से भाग निकले। दरोगा ने बताया कि, मारपीट करने वाली भीड़ का नेतृत्व विनोद पाल का बेटा बिट्टू कर रहा था वह कई मामलों में पहले भी जेल जा चुका है।
गौरतलब है कि, बिहार के नए डीजीपी ने अपराधियों के खिलाफ सख्त तेवर अपनाते हुए यह कहा था कि राज्य के सभी पुलिसकर्मी अलर्ट मोड पर आ जाएं और अपराधियों को सोचने का मौका ना दें यदि वह सोचेंगे तो फिर अपराध करेंगे इसके साथ उन्होंने कहा थे कि इससे पहले कि अपराधी आपको दौड़ाएं उससे पहले आप उनको दौड़ा दें।