संवाद
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के खिलाफ राष्ट्रगान का कथित रूप से अपमान करने के लिए आपराधिक मुकदमा चलाने के लिए किसी मंजूरी की आवश्यकता नहीं है, क्योंकि यह घटना एक राजनीतिक यात्रा के दौरान हुई थी, न कि किसी आधिकारिक यात्रा के दौरान। अभियोजन पक्ष ने यह दावा मंगलवार को एमपी एमएलए कोर्ट में किया।भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की मुंबई इकाई के पदाधिकारी विवेकानंद गुप्ता ने पिछले साल मजिस्ट्रेट अदालत के समक्ष एक शिकायत दर्ज कराई थी जिसमें आरोप लगाया गया था कि दिसंबर 2021 में मुंबई की यात्रा के दौरान एक कार्यक्रम में जब राष्ट्रगान बजाया जा रहा था तो बनर्जी खड़ी नहीं हुईं। उन्होंने मांग की कि बनर्जी के खिलाफ राष्ट्रीय गौरव अपमान निवारण कानून के तहत प्राथमिकी दर्ज की जाए।
तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) की नेता ने मजिस्ट्रेट द्वारा जारी किए गए समन के खिलाफ विशेष अदालत के समक्ष एक समीक्षा याचिका दायर की, जिसमें तर्क दिया गया कि इस मामले में लोक सेवक के खिलाफ मुकदमा चलाने की अनिवार्य मंजूरी नहीं ली गई। राज्य सरकार की तरफ से पेश अतिरिक्त लोक अभियोजक सुमेश पंजवानी ने मंगलवार को दलील दी कि बनर्जी आधिकारिक दौरै पर मुंबई नहीं आई थीं। उन्होंने कहा, ‘‘यात्रा का एक राजनीतिक एजेंडा था'', इसलिए, किसी मंजूरी की आवश्यकता नहीं है। विशेष न्यायाधीश आर एन रोकड़े ने कहा कि वह 12 जनवरी को बनर्जी की याचिका पर आदेश पारित करेंगे।