अनूप नारायण सिंह
बेगुसराय और समस्तीपुर के किसनों को मिलेगा डायरेक्ट लाभ कई बड़ी कंपनी लगाएगी श्रीकंगन फूड पार्क के अंदर प्रोसेसिंग प्लांट | बिहार का पहला छेत्र जहां का फार्मिंग रॉल मॉडल के रूप में स्थापित होगा | "फार्मिंग, प्रोसेसिंग और मार्केटिंग" तीनो एक साथ सिंकोर्नाइजेशन किया गया है |
बहुराष्ट्रीय फूड एवं बेवरेज कंपनी ‘पेप्सिको’ बेगुसराय और समस्तीपुर में नया (ग्रीनफील्ड) आलू उत्पादन के लिए स्थापित करने जा रही है जिसका मुख्य (प्रधान) कार्य छेत्र बछबाड़ा रहेगा | कंपनी के इस कदम से किसानों को आलू का वाजिब दाम मिल सकेगा | किसानों के हित में सौ दिन का व्यापार है जिस व्यापार को करने के लिए सौ दिनों में लागत का तीन गुणा धन अर्जित होने की प्रबल संभावना है | इस साल तो ट्रायल बेसिस पर पंद्रह किसान आलू की खेती सुरु किए हैं किसानों के हित में फायदा नजर आने पर 5000 से 10000 एकड़ आलू की खेती एक दिशा निर्देश पर करने की प्रबल संभावना है | खेती के छेत्र में शुरू होने वाली एक योजना में 15000 लोगों को सौ दिन के लिए प्रत्यक्ष व परोक्ष रोजगार मिलेगा | बिहार में ऐसा पहली बार है कि किसानों के हित में किसानो के द्वारा बिहार में अलग अलग फसल के लिए एक ग्रीनफील्ड परियोजना की स्थापना की जा रही है | कुछ लोगों को बता दें जो अपना वतन छोर कर जिनके जहन में दिल्ली मुंबई ही प्रगति के मिनार लगते हैं,जिनके लिए बिहार में होने वाले हर कार्य रोड़ मजाक है,जिनके लिए बिहार जंगल राज है जो दिल्ली मुंबई जाकर अपने आप को ऐ बिहारी कह के नवाजे जाते हैं उनके लिए आईना का प्रारूप है |
बिहार देश का सबसे बड़ा आलू उत्पादक राज्य बन सकता है इसके लिए हर पंद्रह गांव पर एक अनुसंधान केंद्र की स्थापना होना है | बिहार में बड़े पैमाने पर किसान आलू की खेती करते आ रहे हैं लेकिन आलू की खेती करने वाले किसानों को आलू के उचित दाम नहीं मिलते थे,लेकिन अब बिहार में आलू की खेती किसानों के लिए पूरी तरह फायदे का सौदा साबित होगा इसलिए कि खेत पर ही पेप्सिको उचित मूल्य देने के लिए करार कर लिए हैं | तमाम फैसले किसानों के हाथ में रहेगें | कंपनी के तरफ से किसानों को नई तकनीक के आधार पर खेती करने के लिए अफसरों को गांव गांव भेजा जाएगा | .
विशेषज्ञों के मुताबिक गंगा नदी के कोरिडोर और अन्य भीठा छेत्र में वैज्ञानिक तरीके से फसलों की बुआई और संतुलित उर्वरकों के प्रयोग से अगले साल सिर्फ आलू ही नहीं दुसरे फसलों की भी उत्पादन अपना स्थान बना लेगी |