पटना।डॉ शशि प्रताप शाही एक ऐसा नाम जो बिहार की शिक्षा जगत में प्रतिष्ठा के साथ लिया जा रहा है वर्तमान में यह पटना के प्रतिष्ठित अनुग्रह नारायण महाविद्यालय के प्राचार्य है इसी महाविद्यालय के एक प्राध्यापक के रूप में अपनी यात्रा को प्रारंभ करने वाले शशि प्रताप शाही ने जिस तरह से अनुग्रह नारायण महाविद्यालय को उसकी खोई हुई प्रतिष्ठा वापस दिलाई है वह काबिले तारीफ है महाविद्यालय परिसर में घुसते ही आपको इस बात का एहसास होता है कि बिहार बदल रहा है। शैक्षणिक माहौल को इन्होंने इस शिक्षण संस्थान में उस स्तर तक पहुंचाया है कि आज बिहार का कोई भी छात्र उच्च शिक्षा के लिए यहां नामांकन कराना चाहता है महाविद्यालय में कई सारे व्यवसायिक कोर्स भी प्रारंभ हुए हैं नियमित कक्षाएं होती हैं छात्रों के लिए कई सारी सुविधाएं भी प्रदान की गई है महाविद्यालय परिसर के अंदर कई सारे हाईटेक भवनों सभागार का निर्माण कार्य चल रहा है। पढ़ाई के साथ ही साथ खेल सांस्कृतिक आयोजन सेमिनार भी नियमित रूप से यहां आयोजित किए जाते हैं जिसके माध्यम से छात्र-छात्राओं को अपनी प्रतिभा को विकसित करने का मौका मिलता है। बिहार के सर्वश्रेष्ठ प्राचार्य का खिताब भी डॉक्टर शशी प्रताप शाही को ही मिला है। वे इस किताब को महाविद्यालय परिवार को समर्पित करते हुए कहते हैं कि बिहार में प्रतिभाओं की कमी नहीं जो साधन और संसाधन आपके पास उपलब्ध है अगर आप पूरी ईमानदारी के साथ कार्य करें तो एक बेहतर माहौल कायम कर सकते हैं उन्होंने कोई जादू की छड़ी नहीं घुमाई है बल्कि उपलब्ध साधनों का सही जगह समावेश किया है उन्होंने कहा कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के शैक्षणिक संकल्प को वास्तविकता के धरातल पर उतारने के लिए उन्होंने और पूरे महाविद्यालय परिवार ने जी तोड़ मेहनत की है और उसी का परिणाम है कि आज सब कुछ बेहतर दिख रहा है आने वाले समय में और कुछ बेहतर होगा। सार्थक सोच के साथ किया गया कार्य कभी भी विफल नहीं होता और उसी का परिणाम है कि आज अनुग्रह नारायण महाविद्यालय प्रदेश के अन्य शैक्षणिक संस्थानों के लिए अनुकरणीय बन गया है। कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पुरस्कारों से सम्मानित डॉ शशि प्रताप शाही कहते हैं कि बिहार के शैक्षणिक क्षेत्र में बड़े बदलाव को लाने के लिए प्रयास भी हमको और आपको मिलकर करना होगा सरकार सिर्फ आपको संसाधन उपलब्ध करा सकती है माहौल सबको मिलकर बनाना होगा और एक विकसित समृद्धि शिक्षित बिहार के निर्माण के लिए सबको साथ आना होगा.