अपराध के खबरें

जदयू के पूर्व अध्यक्ष शरद यादव का हुआ निधन, बिहार समेत पूरे देश के राजनीतिक गलियारों में शोक की लहर!

संवाद 
पूर्व केंद्रीय मंत्री और जेडीयू के पूर्व अध्यक्ष शरद यादव का गुरूवार को निधन हो गया। उनके निधन की जानकारी उनकी बेटी ने दी। उनकी बेटी सुभाषिनी शरद यादव ने फेसबुक पोस्ट के जरिए पुष्टि की । उन्होंने 75 वर्ष की उम्र में अंतिम सांस ली। जानकारी के अनुसार, जदयू के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष रह चुके शरद यादव का निधन गुरुग्राम के फोर्टिस हॉस्पिटल में हुआ। शरद यादव अटल बिहारी वाजपेई सरकार में केंद्रीय मंत्री थे।शरद यादव चार बार बिहार के मधेपुरा सीट से सांसद रहे हैं।
शरद यादव की गिनती देश की राजनीति के दिग्गज राजनेताओं में होती रही।उनके परिवार में पत्नी डॉक्टर रेखा यादव और एक बेटा व एक बेटी हैं. छात्र राजनीति से लेकर उन्होंने देश की राष्ट्रीय राजनीति में अहम मुकाम हासिल किया था. शरद यादव ने अपना राजनीतिक करियर मध्य प्रदेश से शुरू किया था. इसके बाद उन्होंने यूपी से होते हुए बिहार में जाकर इस राजनीतिक यात्रा को विराम दिया. वे जनता दल के खांटी समाजवादी नेता माने जाते थे. उनके निधन पर देश की तमाम राजनीतिक हस्तियों ने शोक जताया है.  

पूरे जीवनकाल में शरद यादव की पहचान बिहार के राजनेता के रूप में बनी रही लेकिन सच्चाई ये थी कि वे बिहार के नहीं बल्कि मध्य प्रदेश के नेता थे. उनका जन्म 1 जुलाई 1947 को मध्य प्रदेश के होशंगाबाद जिले एक छोटे से गांव बंदाई में हुआ था. वे पढ़ाई में बहुत मेधावी थे. उन्होंने गांव में स्कूली एजुकेशन पूरी करने के बाद जबलपुर के इंजीनियरिंग कॉलेज में गोल्ड मेडल के साथ ग्रेजुएशन पूरा किया. 
इंजीनियरिंग की पढ़ाई के दौरान ही उनका झुकाव राजनीति की ओर हुआ और वे कॉलेज छात्र संघ के अध्यक्ष चुने गए. यहीं से उनका राजनीतिक सफर शुरू हो गया. वे समाजवादी नेता डॉक्टर राममनोहर लोहिया के विचारों से बहुत प्रभावित थे. उन्होंने युवा नेता के रूप में कई आंदोलनों में भाग लिया, जिसके चलते उन्होंने वर्ष 1970, 1972 और 1975 में गिरफ्तार किया गया. धीरे-धीरे उनकी पहचान जनता के अधिकारों के लिए संघर्ष करने वाले एक युवा नेता की बन गई. वर्ष 1974 में वे मध्य प्रदेश की जबलपुर लोक सभा सीट से जीत हासिल करके संसद पहुंचे. 
लंबे समय तक बिहार में नीतीश कुमार के साथ राजनीति करने वाले शरद यादव ने नीतीश कुमार से विवाद के बाद JDU का साथ छोड़ दिया था.
पूर्व जेडीयू अध्यक्ष शरद यादव को राजनीतिक गठजोड़ में माहिर खिलाड़ी माना जाता रहा। उन्हें बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का राजनीतिक गुरु भी माना जाता रहा। उनके बताए पदचिह्नों पर नीतीश कुमार चले। हालांकि राजनीति में कब क्या हो जाए, कुछ कहा नहीं जहा सकता। नीतीश कुमार ने अपने राजनीतिक बढ़ते कद के चलते शरद यादव को हाशिए पर ला दिया। लेकिन बाद में वे फिर पार्टी में आ गए। वर्ष 2022 में जब नीतीश कुमार एनडीए से अलग हुए उसके बाद वे शरद यादव से मिले थे और तब शरद यादव ने अपने नीतीश कुमार के बारे में कहा था कि नीतीश कुमार से बड़ा चेहरा कोई नहीं। सभी विपक्षी दलों की एकजुटता की बात कही थी।

Post a Comment

0 Comments
* Please Don't Spam Here. All the Comments are Reviewed by Admin.

live