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पटना: पूर्व केंद्रीय मंत्री और जदयू के पूर्व अध्यक्ष शरद यादव के निधन से बिहार ही नहीं देशभर के राजनीतिक गलियारे में शोक की लहर है. मध्य प्रदेश में स्थित पैतृक गांव में कल उनका अंतिम संस्कार होगा. जदयू के पूर्व अध्यक्ष शरद यादव का पार्थिव शरीर शुक्रवार को अंतिम दर्शन के लिए दिल्ली के छतरपुर में उनके आवास पर रखा गया है. गृहमंत्री अमित शाह, राहुल गांधी और बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने उनके आवास पहुंचकर उन्हें श्रद्धांजलि दी. सभी नेताओं ने उनके योगदान को याद करते हुए गरीब और पिछड़े लोगों की आवाज बताया.
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने पूर्व केंद्रीय मंत्री शरद यादव को श्रद्धांजलि अर्पित की. इस दौरान अमित शाह ने कहा कि शरद यादव जी का निधन देश और देश की राजनीति के लिए अपूरणीय क्षति है. उन्होंने अपने पूरे जीवन में पिछड़ों और आम लोगों से जुड़े मुद्दों को उठाया. ईश्वर उनके परिवार के सदस्यों और समर्थकों को इस क्षति को सहन करने की शक्ति दे. वहीं बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने पूर्व केंद्रीय मंत्री शरद यादव को श्रद्धांजलि दी. उन्होंने कहा कि शरदजी के निधन से एक शून्यता हो गई है. उन्होंने जीवन भर सामाजिक न्याय के लिए संघर्ष किया. वह गरीब और पिछड़े लोगों की आवाज थे, वह हम सभी के लिए प्रेरणा थे.
वहीं कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने आज सुबह उनके घर पहुंचकर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की. राहुल गांधी शरद यादव के परिजनों से भी मिले. शरद यादव की बेटी और कांग्रेस नेता सुभाषिनी राज राव राहुल गांधी से गले मिलकर फूट-फूटकर रो रही थी. राहुल गांधी उन्हें संभालते हुए दिखे. राहुल गांधी ने कहा कि मैंने शरद यादव जी से राजनीति के बारे में बहुत कुछ सीखा है. आज उनके निधन ने मुझे दुखी कर दिया है. मेरी दादी के साथ उनकी काफी राजनीतिक लड़ाई हुई थी. मगर उनके बीच सम्मान का रिश्ता था. उन्होंने मुझे जो बताया, वो रिश्ते की शुरुआत थी, राजनीति के बारे में मैंने उनसे बहुत सीखा है, शरद यादव जी नहीं रहें. उन्होंने राजनीति में अपनी इज्जत बनाएं रखी क्योंकि राजनीति में सम्मान खोना बहुत आसान होता है.
बता दें कि शरद यादव का गुरुवार की रात 75 साल की उम्र में निधन हो गया था. उन्होंने दिल्ली के एक निजी अस्पताल में अंतिम सांस ली. उनकी बेटी सुभाषिनी यादव ने रात पौने 11 बजे सोशल मीडिया पर उनके निधन की जानकारी दी. शुभाषिनी ने ट्वीट में लिखा-पापा नहीं रहे. उनकी उम्र 75 साल थी. एमपी के बाबई तहसील के आंखमऊ गांव में शनिवार को उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा. बतातें चलें कि शरद यादव का जन्म भले ही मध्यप्रदेश में हुआ था लेकिन वह लगभग तीन दशक तक बिहार की राजनीति के धुरी थे. 1990 से लेकर अंतिम दम तक उनकी राजनीति का केंद्र बिहार रहा.